इजरायली मंत्री : मोदी के दौरे का अत्याधिक सांकेतिक महत्व

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इजरायल के विदेश(Foreign) मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चार से छह जुलाई के बीच इजरायल दौरे का बड़ा सांकेतिक महत्व होगा। यहां प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के एशिया एवं प्रशांत डिविजन के उप महानिदेशक तथा भारत में पूर्व राजदूत मार्क सोफर ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे का बड़ा सांकेतिक महत्व होगा।

उन्होंने कहा, “हां, यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरे के ठोस नतीजे आएंगे।”

सोफर ने कहा कि उनके मंत्रालय ने उनके दौरे पर ‘बहुत जोर’ दिया है। उनके मुताबिक, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए कृषि तथा जल प्रबंधन को भविष्य के क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है और इस संबंध में एक संयुक्त रणनीतिक भागीदारी की स्थापना की जाएगी। सहयोग के अन्य क्षेत्रों में नवाचार तथा अंतरिक्ष सहयोग हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि दौरे के दौरान भारत-इजरायल सीईओ फोरम की भी स्थापना की जाएगी।

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भारत में इजरायल के राजदूत डैनियल कारमोन ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में व्यापक इजाफा हुआ है। कारमोन ने कहा, “इस दौरे के दौरान, हम अगले 25 वर्षो के संबंधों पर नजर डालेंगे।” उन्होंने कहा कि इजरायल ने भारत में कृषि के क्षेत्र में 15 उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की है।

इजरायल में भारतीय मूल के यहूदियों के संबंध में सोफर ने कहा कि यहां अब भारतीय मूल के यहूदियों की दूसरी पीढ़ी रह रही है। उन्होंने कहा, भारतीय मूल के अधिकांश यहूदी जिनसे मोदी मुलाकात करेंगे, उनका जन्म यहीं हुआ है।

सोफर ने कहा, “इजरायल में रहने वाले भारतीय मूल के यहूदियों को भारतीय मूल का होने पर गर्व है।”
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सामने समान चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा, “जिसकी जरूरत है, वह है ठोस अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई। भारत अपवाद नहीं है।”
सोफर ने कहा कि भारत की पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद से लड़ाई में इजरायल नई दिल्ली के साथ है।

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मोदी के कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए सोफर ने कहा कि मंगलवार को तेल अवीव पहुंचने के बाद मोदी एक निजी भोज पर नेतन्याहू से मुलाकात से पहले एक कृषि केंद्र का दौरा करेंगे। बुधवार को दोनों देशों के प्रधानमंत्री प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता करेंगे, जो चार घंटे तक चल सकती है।

मोदी इजरायल के विपक्ष के नेता से भी मुलाकात करेंगे और उसी दिन भारतीय मूल के यहूदियों को संबोधित करेंगे।

गुरुवार को दोनों प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से हाइफा जाएंगे, जहां दोनों भारतीय स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह स्मारक उन भारतीय सैनिकों की है, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हाइफा को बचाने में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।

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