ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस चेतावनी की आलोचना की, जिसमें उन्होंने ईरानी परमाणु समझौते को अमान्य घोषित करने की बात कही थी। एक समाचार एजेंसी ने बताया कि जरीफ ने शनिवार को कहा कि ट्रंप की चेतावनियां क्षेत्र में सुरक्षा और शांति कायम करने में मददगार साबित नहीं होगी और इससे अमेरिका के दीर्घकालिक हितों को नुकसान होगा।
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अगले सप्ताह ईरान के परमाणु समझौते को लेकर अपना समर्थन वापस लेने की धमकी दी है
ट्रंप ने अगले सप्ताह ईरान के परमाणु समझौते को लेकर अपना समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। ट्रंप ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान हुए इस ईरान परमाणु समझौते को ‘अब तक का सबसे खराब समझौता’ और अमेरिका के लिए एक ‘शर्मिदगी’ बताया है।
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जरीफ ने शनिवार को कहा, “मुझे लगता है कि यह एक दुर्भावानपूर्ण बयान
जरीफ ने शनिवार को कहा, “मुझे लगता है कि यह एक दुर्भावानपूर्ण बयान है क्योंकि निश्चित रूप से कोई भी समझौता सभी पक्षों के लिए एकदम सही नहीं होगा।
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अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उस पर दोबारा भरोसा नहीं कर सकता
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अगर समझौते का उल्लंघन करता है तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उस पर दोबारा भरोसा नहीं कर सकता।
दुर्भाग्य से यह सरकार फिर से उसी दिशा में वापस जा रही है
जरीफ ने कहा कि परमाणु समझौता 10 साल के मान-मनौवल और दो साल की वार्ता का परिणाम है, दुर्भाग्य से यह सरकार फिर से उसी दिशा में वापस जा रही है।
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