संसद में वेंकैया नायडू बोले ‘beg’ शब्द के इस्तेमाल से बचे सभी सदस्य

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संसद में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को मंत्रियों और सदस्यों को याद दिलाया कि वे सदन के पटल पर कागजात और रिपोर्ट आदि पेश करते वक्त “आइ बेग टू” (मैं याचना करता हूं) शब्दों के इस्तेमाल से बचें। अंग्रेजी के ‘बेग’ का शाब्दिक अर्थ भीख होता है। सभापति ने व्यवहार को नियंत्रित करने वाला यह नियम उस समय दिया जब केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री पी.पी.चौधरी सदन में अपने मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज रखने के लिए खड़े हुए।

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वेंकैया नायडू ने दी सलाह
शुक्रवार को कानून एवं न्याय राज्यमंत्री पीपी चौधरी अपने मंत्रालय से संबंधित कागजात पेश करने के लिए खड़े हुए थे। उन्होंने कहा, “सर, विद योर परमिशन, आइ बेग टू ले ऑन द टेबल ऑफ द हाउस पेपर लिस्टेड अंडर माइ नेम…।” इस पर नायडू ने उन्हें टोकते हुए कहा, “नो बेगिंग प्लीज…।” उन्होंने कहा, “यह अच्छा होगा। अगर शब्द ‘बेगिंग’ से बचा जाए.” नायडू ने मौजूदा सत्र के पहले ही दिन सांसदों से शब्द ‘बेग’ से बचने के लिए कहा था क्योंकि ‘इससे औपनिवेशिक विरासत की बू आती है।

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बेग शब्द से बचने को कहा
सभापति ने कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं, लेकिन शायद उस समय आप उपस्थित नहीं थे। मैंने सदस्यों से कहा था कि कागजात पटल पर रखते समय सिर्फ इतना कहें- आइ सीक परमिशन टू ले पेपर्स या आइ ले द पेपर्स।” मालूम हो कि नायडू ने इस सत्र के पहले दिन भी सदस्यों से कहा था कि वह “बेग” (याचना) शब्द के इस्तेमाल से बचें क्योंकि यह शब्द औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक है।

साभार: ( www.dainibhaskar.com)

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