Kerala: फर्जी वोटिंग की कवरेज करने गये पत्रकारों पर मस्लिम लीग का हमला

कार्यकर्ताओं ने की पत्रकारों की पिटाई, दी गई धमकियां

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 Kerala: केरल कासरगोड में संपन्न दूसरे चरण के मतदान के दौरान फर्जी वोटिंग की खबर दिखाना शुक्रवार को कुछ पत्रकारों का काफी महंगा पड़ गया. पोलिंग बूथ पर जारी फर्जी वोटिंग की रिपोर्ट के द्वारा की जा रही कवरेज से नाराज इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के कुछ कार्यकर्ताओं ने चार पत्रकारों की जमकर पिटाई कर दी, इतना ही नहीं पत्रकारों के कपड़े तक फाड़ दिए. किसी तरह पत्रकारों ने खुद को बचाया. लेकिन हमले मे पत्रकारों को काफी चोटे आयी है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला सरकारी हाई स्कूल के चेंगला बूथ का है. यहां पर कैराली न्यूज के रिपोर्टर शिजू कन्नन, चौनल के कैमरामैन शैजू पिलाथारा, मातृभूमि न्यूज के रिपोर्टर सारंग और मातृभूमि अखबार के रिपोर्टर प्रदीप जीएन यहा फर्जी मतदान की रिपोर्टिंग करने की कोशिश कर रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार, उसी समय IUML कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया.

फर्जी वोटिंग पर हुई कार्रवाई

दरअसल, मतदान वाले दिन दोपहर में मार्क्सवादी पार्टी (CPIM) के एजेंटों ने अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को स्कूल के बूथ संख्या 113, 114 और 115 पर व्यापक रूप से फर्जी वोटिंग की सूचना दी थी. उन्हें मुस्लिम लीग कार्यकर्ता पोलिंग बूथ पर बैठने नहीं दे रहे हैं, CPIM चुनाव प्रबंधक बाद में IUML के गढ़ चेंगला स्कूल पहुंचे. LDF चुनाव समिति के संयोजक केपी सतीश चंद्रम ने कहा कि मुस्लिम लीग के कार्यकर्ता उन लोगों के वोट डाल रहे थे जो केरल में थे ही नहीं.

सतीश चंद्रम ने मीडिया संस्थानों को भी इसकी जानकारी दी थी. इसकी जानकारी उदमा के विधायक और सीपीएम के जिला सचिव को दी गइ थी. मीडिया को सूचना मिलते ही कुछ पत्रकार फर्जी मतदान की खबर को कवर करने पहुंचे, लेकिन मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रिपोर्टिंग नहीं करने दी और उन्हें वहां से भाग जाने के लिए धमकाया. उदमा विधायक और कार्यवाहक ब्च्प्ड जिला सचिव कुन्हाम्बु मौके पर पहुंचे. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने विधायक को मारने की कोशिश की, लेकिन कासरगोड विधायक एनए नेल्लिकुन्नु ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाया.

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कांग्रेस सहयोगी पार्टी है मुस्लिम लीग

बता दें कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग एक यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है. वह केरल में कार्य करती है. इस गठबंधन में और भी कई छोटे दल हैं. लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सीपीएम की अगुवाई करता है. सीपीएम और सीपीआईएम दो छोटी पार्टियां भी इसमें शामिल हैं. फिलहाल, एलडीएफ की सरकार केरल में मुख्यमंत्री विजयन पिनराई की अगुवाई में है. बता दें कि राहुल गांधी ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान इसी मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष सेक्युलर पार्टी कहा था. जबकि भाजपा को साम्प्रदायिकता के लिए आलोचना की थी. जबकि इसी मुस्लिम लीग ने भारत को बांटने में भूमिका निभाई थी. उस समय इसका नाम ऑल इंडिया मुस्लिम लीग था. बंटवारे के बाद इसका एक हिस्सा पाकिस्तान जाने के बाद इसका नाम इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग हो गया.

 

 

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