वाराणसी के सेवापुरी विकास खंड के जंसा थाना क्षेत्र के सिहोरवा गांव में विवाहिता सुनीता देवी (30) ने साड़ी के फंदे से पंखे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
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बताया जाता है कि सिहोरवां गांव के दिलीप की शादी दस साल पहले सुनीता हुई थी. दोनों से छह साल की बेटी साक्षी है. दिलीप वाराणसी शहर में ड्राइवरी करता है. वह ड्यूटी पर गया था. बेटी साक्षी स्कूल चली गई थी. गुरूवार की दोपहर बाद बेटी स्कूल से आई तो मां के कमरे का दरवाजा खटखटाया. काफी आवाज लगाने पर भी दरवाजा नही खुला तो वह पड़ोस के घर में जाकर खेलने लगी. कुछ देर के बाद रसोई गैस सिलेंडर लेकर ट्रालीमैन आया. उसने भी आवाज लगाई और दरवाजा खटखटाया. लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नही हुई. कमरे का दरवाजा अंदर से बंद और इतनी आवाज लगाने के बाद भी कोई प्रतिक्रया नही हुई तो उसे संदेह हुआ. ट्रालीमैन ने आसपास के लोगों को बताया. आसपास के लोगों ने भी दरवाजा खटखटाया और प्रतिक्रिया नही हुई तो लोगों ने झरोखे से देखा. अंदर साड़ी के फंदे से फंखे के सहारे सुनीता की लाश लटक रही थी. यह देख सभी सन्न हो गये और पति दिलीप को सूचना दी गई.
परिजनों ने तोड़ दिया दरवाजा, उतारी फंदे से लाश
कुछ देर के बाद दिलीप आया और उसने पुलिस और अपने ससुरालवालों को सूचना दी. लेकिन उसके जिंदा होने की उम्मीद में परिजनों ने हड़बड़ी में दरवाजा तोड़ दिया और उसका शव पंखे से उतारा. लेकिन उसकी तो मौत हो चुकी थी. मौके पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. उधर, मायके वाले भी मौके पर पहुंच गये थे. उन्होंने कोई आरोप नही लगाया. चर्चा है कि दम्पती में किसी बात को लेकर विवाद था. बताया जाता है कि कुछ समय पहले पति दिलीप पत्नी सुनीता को लेकर मुम्बई गया था. वहां किसी महिला से दिलीप की प्रगाढ़ दोस्ती हो गई थी. इसको लेकर दम्पती में विवाद होता रहा. इस मामले को लेकर मायके और ससुराल पक्ष में कई बार पंचायत भी हुई थी. थानाध्यक्ष जंसा वैद्यनाथ सिंह ने बताया कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाता तब तक मौत का सही कारण पता नहीं चल पाएगा.