Lucknow: उत्तर प्रदेश में आज भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक कांशीराम की जयंती मनाई गई. कांशीराम की 91 वीं जयंती के मौके पर बसपा की मुखिया मायावती ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. हम सबने उनके सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति के आंदोलन को और मजबूत करने का संकल्प लिया है.
बहुजन समाज को सत्ता हासिल करना जरूरी…
इतना ही नहीं आज कांशीराम की जयंती पर उन्होंने कहा कि, बहुजन समाज को गरीबी, बेरोजगारी, शोषण, उत्पीड़न, पिछड़ेपन, जातिवाद, सांप्रदायिक हिंसा और तनाव की कष्टपूर्ण जिंदगी से मुक्ति पाने के लिए उन्हें अपने बहुमूल्य वोट की ताकत को समझना होगा और प्रदेश में हर हाल में सत्ता की चाबी हासिल करना होगा. इतना ही नहीं इस मौके पर उन्होंने खुद को “आयरन लेडी” बताया.
अन्य दलों के दावे भ्रामक और निराधार…
बता दें कि इस मौके पर मायावती ने कहा- यूपी की विशाल आबादी ने देखा है कि कैसे ‘आयरन लेडी’ के नेतृत्व में बसपा कथनी से ज्यादा करनी में विश्वास रखती है. सत्ता में रहने के दौरान हमने बहुजनों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया. जबकि, अन्य दलों द्वारा किए गए अधिकांश दावे निराधार और भ्रामक साबित हुए.
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1981 में दलित शोषित समाज संघर्ष समिति की स्थापना
इतना ही नहीं, मायावती ने कहा कांशीराम का जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रूपनगर में हुआ था . उन्होंने पिछड़ा वर्ग के लोगों के उत्थान और राजनीतिक लामबंदी के लिए काम किया. उन्होंने 1971 में अखिल भारतीय पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (बामसेफ) की स्थापना की. उसके बाद साल 1981 में दलित शोषित समाज संघर्ष समिति की स्थापना की.
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1984 में बसपा का गठन…
गौरतलब है कि बसपा का गठन साल 1984 में हुआ था. कांशीराम 1991 में यूपी के इटावा से और 1996 में पंजाब के होशियारपुर से लोकसभा सदस्य चुने गए. 1998 से 2004 तक उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में भी काम किया. 9 अक्टूबर 2006 को 71 वर्ष की आयु में दिल्ली में उनका निधन हो गया.