Gyanvapi Case : व्यास तहखाने में पूजा पर रोक लगाने के मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

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 Gyanvapi Case : इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी के व्‍यास जी के तहखाने में पूजा करने की अनुमति पर रोक लगाने के मामले में गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गयी. इस मामले में हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा है. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने पहले दोनों पक्षों को सुनकर अपना निर्णय सुरक्षित रखा है. बता दें कि वाराणसी की जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा करने का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत के इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे रोकने की मांग की थी.

व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा

गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी तहखाने में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति देने के जिला जज के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली अपीलों पर सुनवाई की है. पिछले सोमवार को भी इस मामले में लगभग दो घंटे की सुनवाई हुई थी, जिसमें मस्जिद पक्ष ने आरोप लगाया था कि हिंदू पक्ष के प्रभाव में आकर जिला जज ने यह आदेश दिया. मंदिर पक्ष के अधिवक्ता इसका विरोध करते थे.

हिन्दू पक्ष ने दी थी ये दलील

सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि, 1993 तक हिंदू पूजा पाठ ज्ञानवापी के दाहिने हिस्से में स्थिति तहखाने में करते थे. सीपीसी के आदेश 40 (1) के तहत वाराणसी कोर्ट ने डीएम को रिसीवर नियुक्त किया है. वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील सैयद फरमान अहमद नकवी ने कहा कि हिंदू पक्ष ने सीपीसी की धारा 151, 152 को सही ढंग से नहीं प्रस्तुत किया. उनका दावा था कि डीएम को रिसीवर नियुक्त करने से हितों में विरोधाभास होगा, नकवी ने कहा कि डीएम को रिसीवर कैसे बनाया जा सकता है जब वे पहले से ही काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के पदेन सदस्य हैं?

तहखाने के सर्वे की मांग

आपको बता दें कि, व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति मिलने के बाद श्रृंगार गौरी मामले में पक्षकार और विश्व वैदिक सनातन संघ की सदस्य राखी सिंह ने ASI सर्वे वाली याचिका दायर की थी. ASI सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि, ज्ञानवापी में आठ तहखाने हैं, इनमें से किसी भी एन-1 या एस-1 तहखाने का सर्वे नहीं किया गया है. इन दोनों तहखानों में प्रवेश करने का रास्ता ईंट-पत्थर से बंद है.

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व्यास तहखाने की पूजा पर विवाद क्यों?

जान लें कि ज्ञानवापी क्षेत्र में ASI सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई है. ASI की रिपोर्ट कहती है कि ज्ञानवापी में कई प्रमाण मिले हैं जो इसके पहले मंदिर होने का संकेत देते है. यहां कई साक्ष्य और कलाकृतियां मिली हैं, अब तहखाने में पूजा की सुनवाई होनी है. तहखाने में पूजा करीब 31 साल पहले बंद कर दी गई थी, लेकिन कोर्ट के आदेश से फिर से शुरू की गई है.

 

 

 

 

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