प्राइवेट हाथों में जा सकते हैं सरकारी जिला अस्पताल
केंद्र सरकार सरकारी जिला अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। यदि यह योजना पास हो जाती है तो निजी व्यक्ति या संस्थान मेडिकल कॉलेज की स्थापना और उसे चलाने के लिए भी जिम्मेदार होंगे और इन मेडिकल कॉलेजों से सेकेंडरी हेल्थकेयर सेंटर को जोड़ा जा सकता है। ये सेंटर भी निजी हाथों से नियंत्रित होंगे।
नीति आयोग ने सरकारी जिला अस्पतालों के संचालन की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने की योजना बनाई हे। आयोग द्वारा जारी 250 पन्नों के दस्तावेज से इसका खुलासा हुआ है।
केंद्र की प्रमुख थिंक टैंक नीति आयोग ने ‘पीपीपी मॉडल के तहत नए और मौजूदा निजी मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पतालों को जोड़ने की योजना’ को लेकर 250 पन्नों का दस्तावेज जारी किया है। इसके माध्यम से इस योजना में हिस्सा लेने वालों से प्रतिक्रिया मांगी गई है।
इस योजना को देख रहे अधिकारियों का कहना हे कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए गए काम पर आधारित है।
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