आईपीएस एसोसियेशन ने क्‍यों लिखा हमारे डीएनए में है जीत?

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चिंता की बात : आईएएस व आईपीएस फ्रेंडली मैच को भी डीएनए टेस्‍ट में बदल रहे

आशीष बागची

आईएएस व आईपीएस के बीच उत्‍तर प्रदेश में अधिकारों को लेकर छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। ज्ञात हो कि अभी हाल में योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को जिले में क्राइम को लेकर पुलिस अधिकारियों की मीटिंग पुलिस लाइन में लेने का आदेश जारी किया है। इसके बाद कथित तौर पर आईपीएस और आईएएस एसोसिएशनों के बीच तनातनी खुलकर सामने आ गयी है। आईपीएस एसोसियेशन का मानना है कि अब क्राइम मीटिंग में डीएम की सरपरस्ती का परिणाम यह होगा कि एसओ व एसएचओ रैंक के लोग किसी आईपीएस का आदेश नहीं मानेंगे।

शनिवार को जब आइपीएस इलेवन मैच जीत गई तो एक आवाज आई….भले ही वह मजाक थी पर, कहा गया…..’भईया…यह समय ही गेरुआ का है, इसे कौन हरा सकता है…। आईएएस की जर्सी चयन में खेल हुआ है, इसकी जांच की जाएगी। दरअसल, आइपीएस टीम की जर्सी में गेरुआ रंग था। दोनों एसोसियेशनों के बीच मीठी जंग पूरे समय तक मैदान में तारी थी।

फ्रेंडली मैच में जीत पर आईपीएस एसोसिएशन ने एक  ट्वीट किया जिसपर आईएएस संघ भड़क गया। इसके बाद ही विवाद बढ़ गया। इस मैच में आईपीएस इलेवन ने आईएएस इलेवन को नौ विकेट से हराया था। आईएएस वीक 2017 की शुरुआत गुरुवार को राजधानी लखनऊ के विधानसभा स्थित तिलक हॉल में हुई। वहीँ आईएएस एसोसिएशन और आईपीएस एसोसिएशन के बीच इकाना इंटरनेशनल स्टेडियम में फ्रेडली मैच खेला गया। इस घटना के बाद ही आईएएस और आईपीएस में ट्विटर पर जंग तेज हो गयी है। कई हल्‍कों में कहा जा रहा है कि आईएएस और आईपीएस का झगड़ा उत्‍तर प्रदेश से निकलकर सोशल मीडिया पर पहुँचना खेदजनक है। सेंट्रल आईपीएस एसोसिएशन का ट्वीट इस आग में घी का काम कर रहा है। आईपीएस एसोसियेशन ने लिखा जीत हमारे डीएनए में है। यही वह शब्‍द है जिसपर आईएसएस एसोसिएशन को घोर आपत्ति है। आईएएस एसोसिएशन का कहना है कि फ्रेंडली मैच को डीएनए टेस्ट में नहीं बदला जाना चाहिये।

आईएएस व आईपीएस के बीच मैच के दौरान भी हंसी मजाक के बीच इशारों में खूब कटी-कटा दिखाई पड़ी। एक बार कहा गया कि आइएएस इलेवन के खिलाड़ी बीवियों के चक्कर में आउट हो रहे हैं…। कमेंट्री में जब बोला तो गया चुटकी लेने के लिए लेकिन बहुत अच्छा खेल रहे बहराइच के एसडीएम गौरांग राठी ने विकेट गंवा दिया।

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यह संयोग ही था कि उससे पहले ही उनकी पत्नी पूर्वा मैदान से बाहर चली गईं थीं। अब कमेंटेटर को और मौका मिल गया-‘कई खिलाड़ी तो बीवी के चक्कर में रन आउट हुए, क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी बीवी अकेले बैठी है। आइपीएस बहुत समझदार हैं, इसलिए वे अपनी पत्नियां साथ नहीं लाए…। यह आइएएस की ही हिम्मत होती है कि वह पत्नियों के सामने खेल लेते हैं। आइपीएस में ऐसी हिम्मत कहां…’

ऐसे कमेंट दोस्ताना मैच में लगातार सुनने को मिले। एक-दूसरे की टांग खिंचाई का कोई भी मौका किसी ने नहीं छोड़ा। कमेंट्री का जिम्मा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने ही संभाला। पहले बल्लेबाजी आइएएस इलेवन ने की। रनों की सुस्त रफ्तार हुई तो एक कमेंट आया …आइएएस की आदत है, कुर्सी न छोडऩे की…इसलिए वे क्रीज भी नहीं छोड़ रहे…।

आइएएस इलेवन की ओर से अजय सिंह ने आइपीएस टीम के कप्तान डीएस चौहान की गेंद पर जैसे ही छक्का मारा, कमेंट्री बॉक्स से आवाज आई ‘…एडीजी हैं लेकिन अजय घबराना मत…। आइएएस इलेवन के खिलाड़ी जब लगातार आउट होते चले गए तो फिर एक आवाज आई…टीम के चयन में गड़बड़ी हुई है…अगली बार जेम पोर्टल से खिलाड़ी चुने जाएंगे। रनों की धीमी रफ्तार पर आइएएस इलेवन के खेमे से आवाज आई ‘…पत्नियां नोट कर लें जिनके पति अच्छा न खेलें शाम को उनकी जरूर क्लास लें…। इसके बाद फिर एक कमेंट आया ‘…इसमें गलती आइएएस की नहीं बल्कि इन निर्मम आइपीएस की है जो अच्छी फील्डिंग कर रहे हैं। लेकिन, यह सरकार की नीतियों के खिलाफ है…।’

आइएएस इलेवन के जब लगातार विकेट गिर रहे थे तभी एक कमेंट आया …जो आइपीएस कैच छोड़ेगा उसे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिलेगा। इसी बीच आइएएस टीम के कप्तान नवनीत सहगल का कमेंट आया-‘अंपायर का नाम व फोटो ले लो बाद में इनसे निपटेंगे…।’ फिर किसी ने कहा-‘अभी अपर मुख्य सचिव नियुक्ति मैदान में आने वाले हैं वे खिलाडिय़ों के प्रदर्शन देखकर अच्छी पोस्टिंग देंगे…।’

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आइपीएस इलेवन की टीम जब बैटिंग कर रही थी तो रनों की बौछार हो रही थी। इसी बीच कमेंट्री बॉक्स से एक कमेंट आया कि यहां तो पुलिस ही रनों की चोरी कर रही है…। अब हम कहां रिपोर्ट लिखाएं…।’

आइएएस इलेवन के खराब प्रदर्शन को देख कमेंट्री बॉक्स से एक कमेंट आया पतियों को सुधारने के लिए एक वर्कशॉप जरूरी है। इसका भी पोर्टल बनना चाहिए। इसी बीच एक और कमेंट आया- ‘हारना भी एक कला है…और इसमें आइएएस एकादश को महारत हासिल है।’

कुल मिलाकर आईएएस-आईपीएस के बीच जुबानी व ट्विटर पर जंग लगातार जारी है चाहे वह मैदान हो या ट्विटर। इसे लेकर प्रदेश भर में चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो रहा है।

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