गाजीपुर में मीटर रीडरों के ईपीएफ खाते में करोड़ो की हेराफेरी
मेसर्स भारत इंटरप्राइजेज कम्पनी की करतूत, पीएम में भी खेल की आशंका
गाजीपुर में विद्युत मजदूर पंचायत ने मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा. पंचायत के जिलाध्यक्ष अरविंद कुशवाहा ने बताया कि जिले में विद्युत उपकेंद्रों पर मेनपॉवर सप्लाई का कार्य मेसर्स भारत इंटरप्राइजेज नाम की फर्म करती है. जिले में सभी संविदा लाईनमैन का फर्म द्वारा फरवरी से अब तक चार माह का भुगतान रोक दिया गया है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस तपती गर्मी के मौसम में जहां टेंपरेचर 47 डिग्री तक पहुंच जा रहा है. आम जन अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है. हीटवेव का सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. इस परिस्थिति में भी हमारे लाइनमैन लोहे के पोल पर चढ़कर जनता को निर्वाध आपूर्ति देने के लिए कार्य कर रहे हैं. फिर भी इनका वेतन चार महीने से रोक कर रखा गया है. इसमें निश्चित तौर पर अधिकारियों और ठेकेदार की मिली भगत प्रतीत होती है.
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खाते में होना चाहिए तीस हजार से अधिक, दिख रहा तीन हजार
जिलाध्याक्ष ने कहा कि इस संबंध में हम लोगों ने जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है. हम सभी को पूरी उम्मीद है कि यहां आने के बाद इन मजदूरों को निश्चित तौर पर न्याय मिलेगा. वहीं, जिला मंत्री विजयशंकर राय ने बताया कि जिले में डोर टू डोर बिलिंग का कार्य स्टर्लिंग नामक फर्म लड़कों को रखकर कराती है. फर्म को जिले में कार्य करते हुए लगभग 30 महीने हो गए. प्रत्येक मीटर रीडर के खाते से कंपनी के द्वारा ईपीएफ के नाम पर 1100 रुपये के लगभग कटौती होती है. इस तरह से अगर आंकड़ा देखा जाए तो लगभग प्रत्येक मीटर रीडर के ईपीएफ खाते में पैसा लगभग 33,000 से 34,000 होना चाहिए, लेकिन प्रत्येक मीटर रीडर के खाते में सिर्फ 3000 से लेकर 3500 तक ही दिख रहा है, जो एक बहुत बड़े पैमाने पर घोटाले की तरफ इंगित करता है. इसकी भी जांच आवश्यक है.
मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल की दी चेतावनी
जिलाध्यक्ष ने बताया कि अगर एक सप्ताह के अंदर मांगे पूरी नहीं होती है तो संगठन विवश होकर कार्य बहिष्कार, हड़ताल, धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगा. पत्रक सौंपने वालों में मुख्य रूप से विनय तिवारी, प्रमोद यादव, गिरधर ,योगेश और शहर के लगभग सभी संविदा लाइनमैन उपस्थित रहे.