पूर्व आईएएस मनीष वर्मा जेडीयू में शामिल, सीएम नीतिश के सम्मान में पढ़े कसीदे

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बिहार में वर्ष 2025 में विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में सभी दल अपने संगठन और जाति के अनुसार अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं. इसी बीच आज पूर्व आईएएस और सीएम नितीश कुमार के करीबी मनीष वर्मा जेडीयू में शामिल हो गए. मंगलवार को पटना स्थित जदयू कार्यालय में जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें सदस्यता दिलाई. इस मौके पर मनीष कुमार ने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के सम्मान में जमकर कसीदे पढ़े.

बिहार सीएम के सलाहकार रह चुके हैं मनीष वर्मा…

बता दें कि मनीष वर्मा 2004 बैच की प्।ै अधिकारी है. मनीष अपनी सेवा के दौरान बिहार सीएम के सलाहकार रह चुके हैं. पार्टी में शामिल होने पर कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी तो कई ने दावा किया कि मनीष बिहार में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे. पार्टी सदस्यता के दौरान कार्यालय में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, मंत्री विजय चौधरी और रामबचन राय मौजूद रहे.

पहले दिल में था, अब दल में हूं-मनीष वर्मा

पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के मौके पर मनीष वर्मा ने कहा, “पहले दिल में था, अब दल में हूं.” सीएम नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहाकि नीतीश कुमार एक बड़ी प्रेरणा है और मैं उन दिनों को याद कर रहा हूं जब नितीश कुमार जी ने कहा था कि- अगर मैं बिजली की स्थिति में सुधार नहीं कर पाया तो मैं कभी वोट नहीं मांगूंगा .

नितीश को बताया युग पुरुष…

इतना ही नहीं मनीष ने कहा कि यह उनके लिए आंख खोलने वाला था. वे लालटेन युग में पैदा हुए, उसी युग में पढ़े लेकिन बिजली की स्थिति में स्पष्ट रूप से सुधार हुआ. उन्होंने राज्य में बिजली की स्थिति को सुधारने में नितीश कुमार की सहारना की और उनको युग पुरुष बताया.

वीआरएस लेकर मनीष कुमार वर्मा ने छोड़ी नौकरी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मनीष वर्मा के बिहार आते ही उन्हें बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी भी दीं. पटना और पूर्णिया के जिलाधिकारी के रूप में काम करने का मौका दिया. उनके ही कार्यकाल में पटना के गांधी मैदान में रावण वध के दौरान बड़ी घटना हुई थी. बिहार में पांच साल रहने के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका दिया गया. 23 मार्च 2018 को पांच साल पूरा हुआ तो भारत सरकार की मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति की ओर से पत्र जारी किया गया और इन्हें वापस ओडिशा भेजा जाने लगा तो मनीष कुमार वर्मा ने जाने से इनकार कर दिया. इसके बाद वीआरएस लेकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी.

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पांच साल की बिहार की सेवा…

बता दें कि वर्ष 2000 में वह ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी बने और सबसे पहले वह ओडिशा के कालाहांडी में सब कलेक्टर बनाए गए थे. इसके बाद वह गुनपुर, रायगढ़ में एसडीएम के पद पर रहे. मनीष कुमार वर्मा को नौकरी के पांच साल बाद पहली बार मलकानगिरी जिले का डीएम बनाया गया था. 2012 तक वह ओडिशा में कई जिलों के डीएम रहे, लेकिन 2012 के बाद ओडिशा को छोड़कर इंटर स्टेट डेपुटेशन में पांच साल के लिए बिहार आ गए.

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