पांच दिवसीय दीपावली पर्व की देश में धूम, त्यौहार से पहले जान ले धनतेरस से भाईदूज तक का मुर्हूत

भाई लक्ष्मण समेत अयोध्या लौटने पर अयोध्या वासियों ने स्वागत में जलाए थे दीप

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रौशनी का पर्व दीपावली की देश भर में धूम मची हुई है. तैयारियों से लेकर खरीदरी तक के सभी चीजों की दुकानों नें शहरों की रौनक को दुगना कर दिया है. इस साल दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरूआत 10 नवम्बर से होने वाली है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, दीपावली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है, इस पर्व को मनाने के पीछे की मान्यता है कि, इस दिन प्रभु श्री राम रावण की वध करके माता सीता को उसकी कैद से मुक्ति दिलने के बाद भाई लक्ष्मण समेत अयोध्या लौटे थे. इनके स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने पूरे नगर को दीपक से सजाकर उनका स्वागत किया था. तब से इस तिथि पर दीपावली का पर्व मनाया जाता है.

दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व

दीपावली उसी समय से अंधकार पर विजय का पर्व भी माना जाता है. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है. भगवान गणेश और देवी सरस्वती को भी पूजे जाने की परंपरा है. ऐसे में इस पांच दिवसीय पर्व की शुरूआत धनतेरस से होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस बार दीपावली बहुत खास रहेगी. छोटी और बड़ी दीपावली का संयोग भी एक ही दिन बन रहा है. दोनों दीपावली का मुहूर्त 12 नवंबर को पड़ रहा है. 12 नवंबर को सुबह चतुर्दशी और दोपहर बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. ऐसे में पांच दिवसीय त्यौहार में कब कौन सी पूजा करनी है और किसका कौन सा शुभ मुर्हूत है आइए जानते है ..

10 नवंबर को धनतेरस
पंचांग के अनुसार, 10 नवंबर को धनतेरस का पूजा मुहूर्त 5.47 बजे शुरू होकर 7.43 बजे खत्म होगा। मुहुर्त लगभग एक घंटा 56 तक चलेगा।

11 नवंबर – नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली
पंचांग के अनुसार, 11 नवंबर को छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। दीपदान का शुभ मुहूर्त शाम 5.29 बजे से रात 8.06 बजे तक चलेगा।

12 नवंबर- दीपावली
पंचांग के अनुसार, दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का समय शाम 5.39 बजे से शाम 7.35 बजे तक रहेगा. आज के दिन दीपावली का मुख्य उत्सव मनाया जाएगा..

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, अमावस्था तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2.45 बजे शुरू होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2.56 बजे तक होगी.

प्रदोष काल का मुहूर्त
12 नवंबर को प्रदोष काल 05:29 से 08:07 तक रहेगा.मान्यता है कि दीपावली पर लक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि और प्रदोष काल में करना शुभ है. सूर्योदय 05:40 से 07:36 तक रहेगा. प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा शाम 5.39 से 7.33 बजे तक चलेगी.

13 नवंबर- गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा सुबह 6.43 से 8.52 तक लगेगी, गोवर्ध पूजा दीपावली के एक दिन बाद मनाई जाती है. इस अवसर पर श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. इस दिन को लेकर मान्यता है कि, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल वासियों की ऱक्षा की थी.

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14 नवंबर – भाई दूज

भाई दूज, या भैया दूज, दीपावली के उत्सव का अंतिम दिन होता है. भाई दूज भाई बहनों के बीच प्रेम का एक विशिष्ट अवसर है. 14 नवंबर भाई दूज का त्योहार है, इसके पूजन का शुभ मुहूर्त अपराह्न 1:10 बजे से 3:19 बजे तक रहेगा.

दीपावली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त

अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ) 01:26 से 02:47 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल) 05:29 से 10:26 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) 01:44 से 03:23 तक
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ) 05:02 से 06:41 तक

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