भारत का हर दूसरा बच्चा यौन उत्पीड़न का शिकार

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यह बेहद झकझोर देने वाला खुलासा है। भारत जैसे देश में समाज में कितनी गिरावट आ गयी है, यह आंखें खोल देने वाली सच्चाई है। देश में 12 से 18 वर्ष की आयु के 45,000 बच्चों के बीच हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में दिमाग को झकझोरने वाला यह पहलू सामने आया है। सर्वेक्षण के मुताबिक देश में इस आयुवर्ग के बीच का हर दूसरा बच्चा यौन उत्पीड़न का दंश झेलता है। मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था ‘वर्ल्ड विजन इंडिया’ द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में देशभर के विभिन्न हिस्सों के 45,844 बच्चों से प्रतिक्रिया ली।

सर्वेक्षण में यह भी खुलासा हुआ है कि हर पांच में से एक बच्चा खुद को यौन उत्पीड़न के प्रति महफूज नहीं महसूस करता।

सर्वेक्षण यह भी कहता है कि हर चार में से एक परिवार ने बच्चे के साथ हुए यौन शोषण की शिकायत नहीं की।

वर्ल्ड विजन इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक चेरियन थॉमस ने यहां 2021 तक बाल यौन शोषण को पूरी तरह खत्म करने के लिए एक अभियान का आगाज करते हुए कहा, “हर दूसरा बच्चा यौन शोषण का शिकार होता है, इसके बावजूद इसे लेकर चुप्पी पसरी हुई है। वहीं यह भी अच्छी तरह नहीं पता है कि बच्चे किस हद तक यौन उत्पीड़न झेल रहे हैं।”

संगठन द्वारा शुरू किए गए अभियान ‘इट टेक्स द वर्ल्ड टू एंड वॉयलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रेन’ के तहत देश के 25 राज्यों और एक केंद्र शासित क्षेत्र में रहने वाले एक करोड़ बच्चों को यौन शोषण से मुक्ति दिलाना है।

थॉमस ने आईएएनएस से कहा, “हमारे क्षेत्रीय कार्यक्रमों के साथ ही इस अभियान को भी अमल में लाया जाएगा। हम क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं, खासकर कुपोषण और जन्म के शुरूआती दिनों में होने वाली बीमारी, शिक्षा, बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण के क्षेत्र में काम करते हैं।”

उन्होंने कहा कि हमारे ये क्षेत्रीय कार्यक्रम देश के 186 जिलों में संचालित हैं।

थॉमस ने कहा कि इस अभियान से समाज के हर वर्ग के लोगों को जोड़ा जाएगा ताकि बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि बच्चों को विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा, जहां उन्हें सही मंशा से छूने और बुरी मंशा से छूने जैसी अनेक बातें बताई जाएंगी।

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