सीएम अखिलेश यादव के सपने पर अतिक्रमण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार बनते ही राज्य भर में साइकिल ट्रैक बनाए जाने पर काफी बल दिया। उन्होंने सोचा था कि लोग ट्रैक पर साइकिल चलाएंगे और इससे सेहत सुधरने के साथ पर्यावरण भी कंट्रोल होगा। लेकिन इसके उलट इस ट्रैक पर दुकानदारों-ठेलेवालों-टेम्पोवालों ने कब्जा कर लिया है। ट्रैक पर धडल्ले से दुकानें तेज रफतार से कमाई की रेस में दौड़ रही हैं। ऐसे में जो लोग इस पर साइकिल चलाते भी हैं, उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैक पर कहीं वाहन पार्क किए जाते हैं, तो कहीं कूड़ा डंपिंग के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है।
अतिक्रमण की भेंट चढ़ा ट्रैक
लखनऊ के सबसे वीवीआईपी इलाका गोमतीनगर थाने के ठीक पास में अधिकारियों के मिलीभगत की वजह से साइकिल ट्रैक को साइकिल स्टैंड बना दिया गया है। गोमतीनगर की तरह टेढ़ीपुलिया के साइकिल ट्रैक को भी ऑटोवालों ने ऑटो स्टैंड बना लिया है। पुलिस के सिपाही वहीं घूमते रहते हैं, लेकिन उन्हें इसमें कुछ गलत नहीं दिखता। लोगों का कहना है कि सरकार और सीएम चिल्लाते हैं कि साइकिल चलाओ और सेहत बनाओ। जबकि यहां ऑटोवालों की सेहत सुधर रही है। जिम्मेदार लोग कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।
साइकिल ट्रैक पर खुले दुकान
कुर्सी रोड़ के पास बने साइकिल ट्रैक पर तो बकायदा दुकान खुल चुकी है। इतना ही नहीं, यहां झुग्गी झोपड़ी भी बन गई है और लोग रहने लगे हैं। लोगों का आरोप है कि दुकान से लेकर मकान तक सब ट्रैक पर बना है। करोड़ों रुपए ट्रैक बनाने में फूंक दिए।
अब इन पर अवैध कब्जा हो रहा है। साइकिल चलाना तो सपना ही है। उनका कहना है कि साइकिल ट्रैक बनाने से कोई फायदा नहीं है, जब तक इसकी मॉनीटरिंग न हो। लोगों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस रेड़ी वालों से 500-1000 लेकर उन्हें दुकान लगाने की छूट दे देते हैं। धीरे-धीरे यह हफ्ते में तब्दील हो जाता है और उनकी दुकानें हमेशा के लिए स्थाई हो जाता है।
पार्किंग के रूप में ट्रैक का इस्तेमाल
नोएडा में साइकिल चालकों को सौगात देते हुए सरकार ने साइकल ट्रैक का निर्माण करवाया। लेकिन इसके बनने से लोगों के सामने जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। नोएडा सैक्टर नौ में साइकिल ट्रैक सहित मैन रोड़ के आधे हिस्से तक फर्नीचर मार्केट ही बसा दिया गया है। साइकिल चालकों के लिए बनाए गए इस ट्रैक पर साइकिल तो क्या इंसान भी नहीं चल सकता। पुलिस-कानून को ठेंगा दिखाते हुए व्यापारी ट्रैक पर पार्किंग बनाकर अपना धंधा चला रहे हैं। अगर आपको यहां से 12-22 चौराहा जाना हो तो जाम की वजह से 10 मिनट की जगह 1 घण्टे का समय लगता है।
अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा करोड़ों का साइकिल ट्रैक
जीडीए द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर बनवाए गए साइकिल ट्रैक पर अतिक्रमण हो गया है। कहीं साइकिल ट्रैक पर वाहन पार्क किए जाते हैं, तो कहीं कूड़ा डंपिंग के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है। जीडीए शहर की मुख्य सड़कों पर करीब सौ किलोमीटर लंबा साइकिल ट्रैक बनवा रहा है। कई जगह ट्रैक का निर्माण पूरा भी हो चुका है। इंदिरापुरम के अभय खंड में दो किलोमीटर लंबा साइकिल ट्रैक बनाया गया है। ट्रैक के बीच में कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे आ रहे हैं।
यहां भी फेल है CM का ड्रीम प्रोजेक्ट
गोरखपुर में भी सीएम का ड्रीम प्रोजक्ट फेल होता नजर आ रहा है। सीएम दिसंबर 2015 में 1. 45 करोड़ से 5 किमी साइकिल ट्रैक का शिलान्यास किया था। इस साइकिल ट्रैक पर अब पूरी तरह से अतिक्रमण हो चुका है। journalistcafe.com की टीम ने सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत जानने के लिए रियलिटी चेक किया।
journalistcafe.com की टीम ने पाया कि मोहद्दीपुर से यूनिवर्सिटी चौराहे तक आनन-फानन में बनाए गए इस साइकिल ट्रैक के बीच में तकरीबन 100 ऐसे छोटे-बड़े पेड़ हैं, जिनसे साइकिल सवार टकराए बिना रह नहीं सकता।
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