वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में रश्मि नगर मोड़ पर विद्युत कार्य करते समय एक 40 वर्षीय बिजली कर्मचारी अनिल कुमार आजाद करंट की चपेट में आ गये. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. आनन-फानन में उन्हें लाइफलाइन अस्पताल सुंदरपुर भेजा गया, जहां उनकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है. बिजली के कार्य के लिए उन्हें कैवल्य धाम फीडर का शटडाउन लेना था, कैवल्य धाम फीडर का शटडाउन न लेकर लंका फीडर का शटडाउन ले लिया गया। गलत शटडाउन लेने की वजह से अनिल कुमार आजाद बिजली की चपेट में आ गए.
यह घटना उस समय हुई जब अनिल कुमार आजाद अपने सहयोगी लाइन मैन रविशंकर और कुलिक पद पर कार्यरत चंद्र मोहन के साथ लाल पैथोंलॉजी की विद्युत फॉल्ट ठीक करने के लिए के लिए पहुंचे थे.
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जानकारी के अनुसार, अनिल कुमार आजाद भिटारी थाना लोहता के मूल निवासी हैं और बिजली विभाग में स्थायी कर्मचारी हैं। फिलहाल अब उनकी हालत पहले से काफी बेहतर है. बता दें, इस वक्त उनका परिवार उनके साथ अस्पताल में मौजूद हैं.
इससे पहले भी हो चुकी है एक दुर्घटना
इसी बीच, बिजली मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने घटना पर विरोध व्यक्त किया. संगठन का कहना है कि अनिल कुमार आजाद की दुर्घटना के समय कोई भी अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं था, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो गया. संगठन ने उपखण्ड अधिकारी सुनील सिंह और अधिशाषी अभियंता पर दबाव डालकर इलाज की व्यवस्था की. संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल कुमार आजाद को विद्युत खंभे पर चढ़ने के लिए अधीकृत नहीं किया गया था, फिर भी वह पोल पर चढ़े. इससे पहले भी इसी कर्मचारी के साथ एक दुर्घटना हो चुकी थी, जो जांच का विषय बन गया है.
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विद्युत मजदूर संगठन और विद्युत संविदा मजदूर संगठन के पदाधिकारी संजय कुमार सिंह, संदीप कुमार, अरविंद कुमार यादव, धनंजय सिंह, राजू अम्बेडकर, विजय सिंह, ओपी सिंह, राम कुमार झा आदि उपस्थित रहे.