Madhabi Buch: मुंबई की कोर्ट ने पूर्व सेबी (SEBI) प्रमुख माधबी पुरी बुच और अन्य पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इन सभी पर कथित तौर पर शेयर बाजार में धोखाधड़ी करने का एक बड़ा आरोप लगा है. इसी के चलते न्यायाधीश शशिकांत एकनाथराव बांगड़ ने अपने द्वारा पारित आदेश में कहा कि, नियमों में चूक और मिलीभगत के प्राइम फेसी सबूत हैं जिसमें एक जांच की आवश्यकता है.
इसी के आगे कोर्ट ने ये भी कहा कि वो इस मामले की जांच की निगरानी करेगा, जिसके लिए 30 दिनों के अंदर मामले की स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है. बताया जा रहा है कि, आरोपी माधवी पुरी बुच का SEBI प्रमुख का कार्यकाल बीते 28 फरवरी 2025 को समाप्त हुआ है, जिनकी जगह पर अब ओडिशा कैडर के IAS तुहिन कांत पांडे होंगे, जिन्हें नया SEBI प्रमुख बनाया गया है, इनका कार्यकाल 3 साल तक रहेगा.
जानिए क्या है पूरा मामला
साल 2024 में SEBI प्रमुख माधवी पुरी बुच के खिलाफ अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी, इस रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि, अडानी ग्रुप के विदेशी फंड में माधवी पुरी बुच और उनके पति की मुख्य भागीदारी होने के नाते अडानी ग्रुप और सेबी के बीच एक बड़ी मिलीभगत का आरोप लगाया गया था.
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हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए इन आरोपों को झूठा साबित करते हुए माधवी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, हिंडनबर्ग के आरोपों में जरा भी सच्चाई नहीं है. क्योंकि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. हमने किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी छुपाई नहीं है. वहीं इन आरोपों का खंडन करते हुए अडानी ग्रुप ने तक अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इन सभी आरोपों को आधारहीन बता डाला.