‘मुगल-ए-आजम’ की यादों का सम्मान करना चाहिए : फिरोज

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निर्देशक फिरोज अब्बास खान जिनके मार्गदर्शन में यहां अगले महीने ‘मुगल-ए-आजम’ संगीतमयी नाटक का आयोजन होने जा रहा है, का कहना है कि इस नाटक के निर्माण में शामिल सभी लोग बखूबी जानते थे कि इसे बेहतरीन होना ही चाहिए।

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मुख्य तौर पर शास्त्रीय नृत्य होंगे

यह संगीतमय नाटक के. आसिफ के निर्देशन में बनी अभिनेता दिलीप कुमार और सौंदर्य की मल्लिका मधुबाला अभिनीत फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ पर आधारित है, जिसका आठ सितंबर को दिल्ली में प्रीमियर होगा। किरदारों के कपड़े दिग्गज डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने तैयार किए हैं और इसके नृत्यों को मयूरी उपाध्य ने कोरियोग्राफ किया है, जो मुख्य तौर पर शास्त्रीय नृत्य होंगे। खान से पूछा गया कि क्या उन्हें इस संगीतमयी नाटक से दो बड़े लोगों के नाम जुड़े होने के कारण उनके साथ समायोजन करने में किसी प्रकार की दिक्कत हुई?

नाटक के निर्माण में सभी ने अपने तरीके से योगदान दिया

इस पर उन्होंने कहा, “नहीं, बिल्कुल नहीं। दोनों ऐसे व्यक्ति हैं जो जानते हैं कि हमें मौलिक ‘मुगल -ए-आजम’ की यादों का सम्मान करना चाहिए और हम जानते हैं कि हम सभी के मन में इसके प्रति सम्मान की भावना है।” ‘सालगिरह’, ‘तुम्हारी अमृता’ और ‘सेल्समैन रामलाल’ जैसे नाटकों का निर्देशन करने के लिए मशहूर खान ने बताया कि नाटक के निर्माण में सभी ने अपने तरीके से योगदान दिया।

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