देवकली की जानकी को नहीं मिले राम, जिसे पति समझा वो निकला दूसरे गांव का राहुल
पिछले कई सालों से जानकी अपने बिछड़े पति का इंतजार कर रही है। जानकी के पति 10 साल पहले उससे बिछड़ गए थे। जानकी के पति कहां है, जिंदा है या मृत, जानकी को ये भी नहीं पता। बस एक टक अपने पति के आने की राह देखे जा रही है। इस बीच जब जानकी इलाज के लिए अस्पताल गई थी तो उसे बाहर एक विक्षिप्त व्यक्ति बैठा दिखाई दिया। उसे देखते ही जानकी एकदम से चिल्ला पड़ी और उस विक्षिप्त के पास जाकर उसे आंसू भरे आंखों से निहारने लगी। खुद रोते-रोते जानकी उस विक्षिप्त के मुख को अपने आंचल से पोछती रही और प्यार लुटा रही। काफी देर भरी आवाज में जानकी बोली कि ये मेरे बिछड़े पति मोतीचंद मौर्य हैं, आज इनकी ये हालत हो गई है…
सालों बाद जब बलिया की जानकी को उसके राम (पति) मिले भी तो वो भी केवल एक दिन का छलावा निकला। दरअसल, जब जानकी उस विक्षिप्त को अपना पति मानकर गांव ले गई तो गावं वालों ने भी उस व्यक्ति की खूब अवभगत की। लेकिन कुछ देर बाद ही गांव में एक परिवार आया और उस विक्षिप्त को अपना परिजन खोया बेटा राहुल बताने लगे। मानसिक व्यक्ति राहुल की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में भी दर्ज पाई गई है। बस फिर क्या था… कुछ देर का मिलन फिर से निराशा की आस में बदल गया। इसतरह जानकी का इंतजार फिर से लंबा हो गया।
बावली जानकी का पति राहुल निकला
जानकी अपने पति मोतीचंद मौर्य के इंतजार में इतनी बावली हो गयी थी कि उसने देखा ही नहीं जिसे पति समझकर घर ले जा रही है, वह कोई और है। यह मामला 28 जुलाई, शनिवार की है। कल जब जानकी अस्पताल गई थी, तो उसे अस्पताल के बाहर उसका एक भिखारी बैठा दिखाई दिया। जानकी को वह बिलकुल उसके पति मौतीचंद मौर्य जैसा लगा। उसे देखते ही वह अपना सुध-बुध खो बैठी। उसने तुरंत मान लिया था कि यही उसका पति है, जिसके साथ उसने सात फेरे लिये थे। उसे देखते ही जानकी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जानकी उसे अपने साथ रिक्शा में बैठाकर घर ले आई।
पति समझकर खूब लुटाया प्यार…
मोतीचंद मौर्य के मिलने की खबर और जानकी के प्रेम को देखकर बड़ी संख्या में लोग आर्थिक रूप से कमजोर जानकी की मदद करने पहुंचे। इस खबर के बाद सैकड़ों लोग उसके घर पर जुट गए थे। परिवार भी मोतीचंद के मिल जाने को लेकर खुश था। कोई उसे हाथों से खाना खिला रहा था। बूढ़ी मां हाथ से पंखा झल रही थी। बिछड़े पति-पत्नी के इस मिलन को देख कर हर किसी की आंखें नम हो गई। लोगों ने पत्नी के इस प्रेम को देखकर जानकी की खूब तारीफें की।
बाल-दाढ़ी कटवाने पर हुई पहचान
इस बीच देवकली के ही गांव के सागर ने बताया कि गांव के लोग मोतीचंद की पेट में निशान न देखकर हैरान थे। उधर जब उस विक्षिप्त व्यक्ति के बाल कटवाए गए और दाढ़ी बनवाई गई तो उसकी शक्ल मोतीचंद से अलग निकली। इसके बाद व्यक्ति की असली पहचान के बारे में जानकारी जुटाई जाने लगी। लोग डीएनए टेस्ट तक कराने की बात करने लगे। तभी किसी ने इस पूरे दृश्य का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। जब उस विक्षिप्त व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई तो उस व्यक्ति की असली पहचान सबसे सामने आ गई। फोटो देखकर विक्षिप्त के परिजनों ने उसे पहचान लिया और उसे लेने जानकी के गांव देवकली पहुंच गए। उस परिवार ने बताया कि वह व्यक्ति सिकरहटा गांव का राहुल है, जो गायब हो गया था। यह सुनकर जानकी की खुशी रूठकर फिर से गायब हो गई।
विक्षिप्त बोला- मेरी अभी नहीं हुई शादी
तभी जानकी के घर गांव के ही सागर सिंह पहुंचे। उन्होंने जानकी के घर लाए गए भिखारी से बातचीत की। जब उन्होंने उसे मोतीचंद वर्मा कहकर पुकारा, तो वह हक्का-बक्का रह गया। वह भिखारी बोला-मेरा नाम तो राहुल है। ये मेरा घर नहीं है। उसने बताया कि वह सिकरहटा गांव का रहने वाला है, जो देवकली गांव से 40 किलोमीटर दूर है। राहुल ने यह भी कहा कि उसकी अभी शादी ही नहीं हुई है।
जानकी ने लापता राहुल को परिजनों से मिलाया
खैर, देवकली के जानकी को तो उसके पति मोतीचंद मौर्य नहीं मिले। मगर जानकी की वजह से उस विक्षिप्त राहुल को उसका खोया परिवार मिल गया। विक्षिप्त राहुल को लेने आए चचेरे भाई ने बताया कि यह राहुल राम ही है। वह एक महीने से लापता था। इसकी सूचना नगरा थाना में भी दर्ज कराई गई थी। काफी मशक्कत के बाद शनिवार को राहुल के परिजन आकर सुखपुरा थाना के देवकली गांव से नगरा थाना के सिकरहटा गांव अपने घर लेकर चले गए।
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