8वीं तक मुफ्त पढ़ाई फिर फीस का भारी बोझ, ऐसा है EWS एडमिशन का खेल
दिल्ली के स्कूलों में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के पैरेंट्स के लिए बच्चों को 8वीं तक की शिक्षा देना आसान है लेकिन इसके बाद पैरेंट्स पर फीस का बोझ काफी बढ़ जाता है।
राइट टू एजुकेशन (RTE) के नियमों के मुताबिक 8वीं कक्षा तक निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को फ्री शिक्षा दी जाती है लेकिन इसके बाद कक्षा 9 में पैरेंट्स पर फीस का बोझा लद जाता है। इसकी वजह से कई छात्रों का भविष्य अंधकार में आ जाता है।
EWS के पैरेंट्स को करना पड़ता है मुश्किलों का सामना-
कक्षा 8 तक मुफ्त शिक्षा लेने के बाद 9वीं में मोटी फीस जमा करनी होती है जो कि 10 हजार रुपये प्रति महीना तक है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के पैरेंट्स को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हालांकि RTE के तहत EWS छात्रों की पढ़ाई के लिए करोड़ों रुपये का बजट स्कूलों के लिए निकाला भी जाता है।
कितना है EWS रिम्बर्समेंट बजट-
दिल्ली में स्कूलों के लिए EWS रिम्बर्समेंट बजट लगातार बढ़ रहा है लेकिन इस कानून के तहत बच्चों को कक्षा 8 तक की इसका फायदा प्राप्त होता है। साल 2015-16 में 23 करोड़, 2016-17 में 40 करोड़, 2017-18 में 61 करोड़ और 2018-19 में 80 करोड़ रुपये EWS शिक्षा के लिए बजट तय किया गया है। बता दें कि केजरीवाल सरकार ने स्कूलों को EWS रिम्बर्समेंट के लिए ज्यादा पैसा देने का फैसला किया था।
EWS का किसे मिलता है फायदा-
जिन पैरेंट्स की सलाना कमाई 1 लाख रुपये से कम होती है और OBC, SC—ST के छात्रों को इसका फायदा मिलता है। इसके अलावा इस कैटेगरी में HIV संक्रमित छात्र भी एडमिशन ले सकते हैं।
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