दबंग आईपीएस जो मंत्री से भी भिड़ गई..

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ये मामला 27 नवंबर, 2015 का है जब एक शिकायत की सुनवाई के दौरान मंत्री अनिल विज ने संगीता कालिया को बाहर जाने को कहा था, लेकिन कालिया ने उनकी बात नहीं सुनी। संगीता कालिया का उनकी बात न सुनना विज के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा गया और विज ने खुद ही बैठक को छोड़ दिया। ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। इसके बाद उऩका तबादला कर दिया गया।

नन्हीं संगीता को टीवी सीरियल ने किया प्रेरित

अक्सर बच्चे टीवी फिल्मों के पात्रों को देखकर ठान लेते हैं कि उन्हें भी इस पात्र की तरह ही बनना है। बाल मन जिस पात्र में खुद को देखने का सपने देखने लगता है। कुछ ऐसा ही हुआ दंबग महिला आईपीएस संगीता कालिया के साथ। एक दिन संगीता दूरदर्शन पर आने वाली उड़ान धारावाहिक देख रही थीं। तब से ही उन्होंने ठान लिया कि वो भी आईपीएस बन कर दिखायेंगी।

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अपने पिता से आईपीएस बनने की बात कही। पेशे से बढ़ई पिता ने अपनी बेटी की उड़ान को भांप लिया और उनकी पढ़ाई का इंतजाम करने लगे। संगीता ने पूरे लगन के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की और आईपीएस की तैयारी करने में लग गई। दो बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और न ही अपने प्रयासों में कमी आने दी।

दूसरी कोशिश में भी वो नाकामयाब रहीं…

संगीता ने उसी मेहनत और लगन के साथ तीसरी बार फिर आईपीएस की परीक्षा दी और उनकी मेहनत रंग लाई। अपने तीसरे प्रयास में संगीता को सफलता मिली। उन्होंने 2005 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी लेकिन वो सफल नहीं हो पाई। दूसरी कोशिश में भी वो नाकामयाब रहीं, लेकिन उन्हें रेलवे में नौकरी मिल गई, जिसे उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। तीसरे प्रयास में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में जाने का मौका मिला। संगीता ने यूपीएससी की परीक्षा में 651 वां रैंक हासिल किया।

मंत्री के साथ बहस करके आई थी चर्चा में

हरियाणा के फतेहाबाद जिले की तेजतर्रार एसपी संगीता भी अन्य एसपी की तरह अपना काम कर रही थीं। एक मामले ने संगीता को चर्चा में ला दिया। दरअसल ये मामला 27 नवंबर 2015 का है जब एक शिकायत की सुनवाई के दौरान मंत्री विज ने संगीता कालिया को बाहर जाने को कहा था, लेकिन कालिया ने उनकी बात नहीं सुनी। संगीता कालिया का उनकी बात न सुनना विज के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा गया और विज ने खुद ही बैठक को छोड़ दिया।

हासिल की कई उपलब्धियां

फतेहाबाद की एसपी का पद संभालने से पहले वे गुड़गांव में पदस्थ थीं और फिर रेवाडी और गुड़गांव में एसपी के पद पर भी रह चुकी थीं। इस दौरान उन्होंने कई मामले सुलझाए, चाहे एटीएम फ्रॉड हो या फिर फतेहाबाद के ढ़िगसाला गांव में 25 लाख की बैंक डकैती, राहगीरी जैसे अभियान या वृक्षारोपण जैसे सामाजिक काम। इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने की मुहिम भी चलाई।

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