नहीं थम रहा कुत्तों का आतंक, एक और बच्ची को बनाया शिकार
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में कुत्तों खौफ औऱ आतंक (terror) थमने का नाम नहीं ले रहा है। खेत में खेल रही एक और मासूम को अपना शिकार बना लिया है। अब कुत्तों के हमले का 27वां मामला सामने आया है। आदमखोर कुत्तों ने एक 8 वर्षीय मासूम बच्ची पर हमला कर दिया। जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आदमखोर कुत्तों ने अचानक हमला बोल दिया
शहर कोतवाली क्षेत्र में बिहारीगंज निवासी याकूब की आठ वर्षीय बेटी शैरीन घर के बाहर खेत मे खेल रही थी। तभी कई आदमखोर कुत्तों ने अचानक हमला बोल दिया। बच्ची शोर मचाने लगी। शोर सुनकर लोग इकट्टठा हो गए और किसी तरह कुत्तों के झुंड को वहां से खदेड़ा। मौके पर पुलिस भी आ गई। बच्ची को इलाज के जिला अस्पताल भेजा गया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने गांव के आसपास खेतों में कॉम्बिग की, लेकिन कुत्तों का कुछ भी पता नहीं चला
। इस वारदात के बाद बिहारीगंज के लोग दहशत में हैं। पुलिस और वन विभाग की टीम इलाके में गश्त कर रही है। भारत मे तीन करोड़ आवारा कुत्ते हैं। कुत्तों के काटने से हर साल देश में 20 हज़ार लोगों की मौत होती है। मौत की वजह बनता है रैबीज़। जिसके सबसे ज्यादा मामले भारत में पाए जाते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो ये पूरी दुनिया का 35 फ़ीसदी है। पर अब सवाल यही है कि क्या अब कुत्ते आदमख़ोर हो रहे हैं? क्या सीतापुर में बच्चों को मारने वाले आदमख़ोर कुत्ते हैं?
नवंबर से लेकर अब तक 13 मासूमों की जान जा चुकी है
क्या 13 बच्चों को आदमख़ोर कुत्तों ने मारा?बच्चो घर के अंदर ही रहना। बाहर मत निकलना। बाहर शिकारी कुत्ते हैं और प्रशासन नाकारा हैं। उससे इतना भी नहीं हो सकता कि वो 6 महीने बीतने के बाद भी ये पता लगा सकें कि सीतापुर में 13 बच्चों को मार डालने वाले आदमखोर कुत्ते ही हैं या कोई और। जी हां, मई के महीने में खैराबाद इलाके में कुत्तों ने अपना 7वां शिकार बना लिया है और इस तरह नवंबर से लेकर अब तक 13 मासूमों की जान जा चुकी है।
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