नौ साल बाद जेल से बाहर आये ‘कर्नल’

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आज नौ साल बाद मालेगांव धमाकों के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत  मुंबई जेल से बाहर आ गये। कर्नल पुरोहित को  सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 9 साल बाद जमानत मिली है। जेल से बाहर आते ही सेना की टीम पुरोहित को अपने साथ ले गई। जेल से रिहा होने के बाद भी पुरोहित सेना के हवाले ही रहेंगे। पुरोहित पर मुकदमा चलता रहेगा।

निलंबन रद्द होने के बाद ही पद पर बहाल होंगे कर्नल

बता दें कि सेना ने अभी तक कर्नल पुरोहित का निलंबन रद्द नहीं किया है। जमानत पर कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद ही उनका निलंबन रद्द किया जाएगा। निलंबन रद्द होने के बाद ही पुरोहित कर्नल के पद पर फिर से बहाल होंगे। मालेगांव बलास्ट में नाम आने के बाद से कर्नल पुरोहित सेना से सस्पेंड थे। कर्नल फिलहाल सेना की हिरासत में रहेंगे।कल कर्नल पुरोहित ने कहा था, ‘‘मेरे दो परिवार हैं- सेना और मेरा परिवार. जिसमें मेरी पत्नी, मेरे दो बेटे, बहन और मां हैं। मैं उनसे मिलने के लिए बेताब हूं।’’ पुरोहित ने कहा सेना ने ‘‘मेरी इज्जत कम नहीं होने दी’’। उन्होंने कहा ‘‘ सेना की यह परंपरा और प्रकृति रही है कि वह अपने लोगों की इज्जत कम नहीं होने देती।

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जानें क्या है पूरा मामला

मुंबई से ढाई सौ किलोमीटर दूर मालेगांव में साल 2008 में 29 सितंबर को ब्लास्ट हुआ था। कर्नल पर  आरोप है कि इस धमाके के लिए कर्नल पुरोहित ने विस्फोटक मुहैया कराया था। मालेगांव में होने वाले ब्लास्ट में करीब 6 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें सौ से अधिक लोग घायल हुये थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा की भी गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी थी, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने कर्नल की जमानत रद्द कर दी थी।

कब हुई थी गिरफ्तारी

आपको बता दें कर्नल पुरोहित 5 नवंबर 2008 को गिरफ्तार हुए थे। गिरफ्तारी के वक्त पचमढ़ी आर्मी कॉलेज में अरबी का कोर्स कर रहे थे। यहां वो 18 महीने का कोर्स करने गये थे। इससे पहले नासिक जिले के देवलाली में इंटेलीजेंस यूनिट में थे। कश्मीर में जख्मी होने के बाद उन्हें खुफिया यूनिट में भेजा गया था।

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