चीन ने मुस्लिम बहुल शिनजियांग क्षेत्र में बच्चों का इस्लामिक नाम रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ (एचआरडब्ल्यू) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एचआरडब्ल्यू ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि चीन द्वारा लगाए गए इस प्रतिबंध के परिणामस्वरूप सद्दाम या मिदिना जैसे प्रतिबंधित नामों वाले बच्चों को रेजिडेंस परमिट ‘हुकोऊ’ नहीं मिलेगा, जो चिकित्सा सुविधा और शिक्षा हासिल करने के लिए जरूरी होता है। उल्लेखनीय है कि शिनजियांग अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले उइगर मुस्लिमों का मूलवास है।
एचआरडब्ल्यू के अनुसार, “धार्मिक चरमपंथ पर लगाम लगाने के नाम पर हाल ही में चीन द्वारा धार्मिक आजादी को संकुचित करने वाले अनेक नए प्रतिबंधकारी नियमों में से यह हालिया प्रतिबंध है।” मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग सरकार का दावा है कि इन नामों के धार्मिक संकेतों के कारण इसे प्रतिबंधित किया गया है, क्योंकि इससे ‘धार्मिक उन्माद बढ़ता’ है।
शिनजियांग के अधिकारियों ने इससे पहले एक अप्रैल को अजीबोगरीब दाढ़ी या पूरे चेहरे को ढंकने वाली दाढ़ी रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और सरकारी टेलीविजन चैनल देखने और सरकारी रेडियो कार्यक्रम सुनने से इनकार करने पर दंडित करने की चेतावनी भी दी थी। उइगर मुस्लिमों और चीन के सबसे बड़े समुदाय हान, जो लंबे समय से चीन की सत्ता में भी है, के बीच संघर्ष आम बात है।
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चीन सरकार आतंकवादी घटनाओं के लिए अक्सर इस्लामिक समुदाय और अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराती रही है, जबकि निर्वासन में रह रहा उइगर समुदाय इन संघर्षो के लिए कम्युनिस्ट सरकार द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों का परिणाम मानता है।