राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर साक्षर भारत योजना बंद किए जाने को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णय से असाक्षरों को अक्षर संसार से रूबरू कराने के लिए चल रही साक्षर भारत योजना के मिशन पर पानी फिर जाएगा, लाखों साक्षरता प्रेरकों को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा।
शिक्षा के योग्य बनाना तथा नवसाक्षरों में कौशल विकसित करना
चौधरी ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य असाक्षर वयस्कों को साक्षरता और गणित की जानकारी देना और बुनियादी साक्षरता से आगे की शिक्षा के योग्य बनाना तथा नवसाक्षरों में कौशल विकसित करना था।
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उन्होंने कहा कि संविदा पर नियुक्त किए गए जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वयक और साक्षरता प्रेरकों की संविदा 30 सितंबर से आगे न बढ़ाने के निर्देश से संविदाकर्मियों के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।
उसे भी बेरोजगारी की लाइन में लाकर खड़ा कर दिया है
चौधरी ने कहा कि तीन वर्ष के कार्यकाल में युवाओं और नौजवानों को रोजगार तो मिला नहीं, बल्कि जो नौजवान रोजगार में लिप्त था उसे भी बेरोजगारी की लाइन में लाकर खड़ा कर दिया है।
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मोदी के मंत्री कितनी भी सफाई देते रहें…
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अब तक जितने भी फैसले लिए हैं, सभी में रोजगार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। नोटबंदी का फरमान हो या फिर जीएसटी का, दोनों ही फरमानों ने देश की अर्थव्यवस्था को कुचलकर रख दिया है। मोदी के मंत्री कितनी भी सफाई देते रहें, वे सच को झुठला नहीं सकते।
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