कासिम सुलेमानी की बरसी समारोह पर विस्फोट, 103 की मौत
ईरान ने दी कड़ा दंड भोगने की चेतावनी
नई दिल्ली: ईरान में सेना के पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी पर बुधवार को सिलसिलेवार हुए दो धमाकों में 103 लोग मारे गए. इस दौरान 200 से अधिक लोग जख्मी हुए. इनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. स्टेट मीडिया ने यह जानकारी दी है. ईरानी अधिकारियों ने बताया कि साल 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी की याद में आयोजित उक्त समारोह में ये विस्फोट हुए.
समाचार एजेंसी रॉयटर की एक रिपोर्ट के अनुसार उक्त समारोह ईरान के दक्षिणपूर्वी शहर करमान के कब्रिस्तान के पास हुआ जहां सुलेमानी को दफनाया गया है.
103 लोगों ने तोड़ा दम- ईरानी स्वास्थ्य मंत्री
ईरानी स्वास्थ्य मंत्री ने बताया की विस्फोट के बाद घटना स्थल पर बड़ी संख्या में एम्बुलेंस को भेजा गया. भगदड़ में घायल हुए लोगों को अस्पताल भेजा गया है. जबकि शवों को उनके परिजन किसी न किसी तरह से तलाश कर अपने साथ ले जा रहे हैं. हादसे में अब तक 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
दुश्मनों को सुलेमानी की कब्रगाह बर्दाश्त नहीं: राष्ट्रपति
वहीं ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने इसे जघन्य और अमानवीय अपराध बताया है. उन्होंने कहा कि दुश्मन शहीद जनरल सुलेमानी की कब्रगाह को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. करमान में इस कायरतापूर्ण कृत्य में शामिल अपराधियों और नेताओं की जल्द पहचान कर उन्हें इसका दंड भी दिया जाएगा. उन्होंने चेताया कि दुश्मन देशों को ये पता होना चाहिए कि इस तरह की कार्रवाई इस्लामी आदर्शों की रक्षा में लोगों के दृढ़ संकल्प में कभी भी व्यवधान पैदा नहीं कर सकती है.
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रूस समेत कई देशों ने की निंदा
हादसे को लेकर रूस और तुर्की समेत कई देशों ने इस हमले की निंदा की. उधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया. ईरान ने एक बयान में कहा है कि हमले में शामिल लोगों और उनके समर्थकों की पहचान करेगा. साथ ही उन्हें न्याय के कठघरे में लाने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय तरीकों का इस्तेमाल करेगा.
कैसे हुई थी जनरल सुलेमानी की मौत ?
आपको बता दें कि जनरल सुलेमानी की मौत 3 जनवरी 2020 को बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी ड्रोन हमले में हो गई थी. ईरान में सुलेमानी एक कद्दावर शख्सियत थे. उन्हें ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बाद देश का दूसरा सबसे ताकतवर शख्स माना जाता था.