राहुल- सोनिया के खिलाफ ED की चार्जशीट, कांग्रेस का प्रदर्शन…

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने एक बार फिर नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के साथ अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है. वहीँ, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को पूरे देश में प्रदर्शन का ऐलान किया है.

यह बदले की राजनीति- केसी वेणुगोपाल

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि “मोदी सरकार द्वारा नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को मनमाने और अन्यायपूर्ण तरीके से जब्त किया गया है. इसके साथ ही पार्टी नेतृत्व के खिलाफ चार्जशीट दिया गया है. कांग्रेस इस कदम की निंदा करती है. यह कानूनी प्रक्रिया का मामला नहीं है बल्कि कानून के शासन के नाम पर राज्य की ओर से प्रायोजित अपराध है. ये कदम लोकतांत्रिक विपक्ष के विचार पर सीधा हमला है और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से डराने-धमकाने की एक कोशिश है. यह बदले की राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है.

भाजपा ने क्या कहा?

इस पूरे मामले पर भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कहा- “ईडी कानून के मुताबिक काम कर रही है. नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर कानून द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी सिर्फ इसलिए नहीं बख्शा जा सकता क्योंकि वह किसी खास परिवार से ताल्लुक रखता है.

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वहीं, भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा- “कोई बड़ा व्यक्ति हो, नेता हो, अधिकारी हो या आम आदमी हो, कानून की कार्रवाई सभी के लिए एक जैसी है. संस्थाएं पूरी तरह से स्वतंत्र हैं. न तो सरकार उन पर दबाव डालती है और न ही वे सीधे सरकार से निर्देश लेते हैं. ये मामला राजनीति से प्रेरित नहीं है.

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दूसरी और सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, सुधांशु त्रिवेदी ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम चार्जशीट में आया था. कांग्रेस को ध्यान रखना चाहिए, इस विषय की शुरुआत 2012 में हुई थी, अक्टूबर 2013 में इस केस की शुरुआत की थी. ये मामला तब दर्ज हुआ था, जब पीएम मोदी की सरकार आई भी नहीं थी.

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस का इस पर राजनीति करने का आधार नहीं बनता है. ये भारत के इतिहास का विचित्र मामला है, एक कंपनी 90 करोड़ की देनदारी में बिक गई, जिसके पास हजारों करोड़ की संपत्ति थी. इसमें 76 प्रतिशत शेयर सिर्फ राहुल और सोनिया गांधी के पास हैं. बाद में तय किया कि प्रकाशन बंद हो जाएगा और प्रॉपर्टी के बिजनेस में काम करेंगे.