भितरघात से अयोध्या में हुई भाजपा की हार, और भी रहे कई कारण
साध्वी निरंजन ज्योति ने किया खुलासा, चिन्हित किए जा रहे घातिया
अयोध्या में भाजपा की हार व सपा की जीत के बाद से सोशल मीडिया जंग का अखाड़ा बन गया है. अयोध्या के जनादेश के पक्ष व विपक्ष में तल्ख टिप्पणियां हो रही हैं. हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों की ओर से जो राय मिल रही है उसमें पार्टी के अंदर भितरघात के संकेत मिल रहे हैं. संगठन के मठाधीश भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को पसंद नहीं कर रहे थे. वे टिकट में बदलाव चाहते थे.
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उन्होंने प्रदेश भाजपा को अवगत भी कराया था लेकिन जब बात नहीं बनी तो भितरघात कर दिया. इसकी पुष्टि खुद साध्वी निरंजन ज्योति ने की है. उन्होंने यहां तक कहा कि ऐसे कार्यकर्ता चिन्हित भी किये जा रहे हैं. वहीं, साक्षी महाराज ने भी अयोध्या में सपा की जीत को शर्मनाक बताया है. उन्होंने कारसेवकों के साथ हुए खूनी खेल को भी याद कराया. कहा, वह सपा की सरकार ही थी जिसने निहत्थे कारसेवकों को गोलियों से भून दिया था.
भाजपा से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए डा. सच्चिदानंद हरि
साक्षी महाराज का मानना है कि अयोध्या में पार्टी के प्रत्याशी का पराजित होना देश और प्रदेश के साथ भाजपा के लिए चिंताजनक है. साक्षी महाराज उत्तर प्रदेश में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन पर निराश भी हैं. उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज अपने आवास पर बुधवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाए जाने की घटना को याद करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के शासन में उन्होंने रामभक्तों के खून से अयोध्या की धरती को लाल होते देखी है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उसी अयोध्या ने सपा का सांसद जिता दिया. केंद्रीय नेतृत्व को इसकी समीक्षा करनी चाहिए.
लोगों को चिंतन करने की दी सलाह
उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार के सवाल पर कहा कि यूपी में चुनाव के नतीजों से जो राजनीतिक परिदृश्य उभरा है, उस पर पार्टी ही नहीं देश और प्रदेश के लोगों को चिंतन करना चाहिए. प्रदेश की जनता ने सपा का शासन और गुंडाराज देखा है. सपा सरकार में यही तो नारा लगाता था खुली दुकान हमारी-बंद तुम्हारी. पत्रकारों पर हमले होते थे. उन्होंने कहा कि जो काम पीएम मोदी ने किया उसके अनुरूप प्रदेश में उनको आशीर्वाद नहीं मिला.
फतेहपुर लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगाने से चूकीं
फतेहपुर की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि 15 दिन पहले ही गड़बड़ी की आशंका हो गई थी. इसके बावजूद जमीनी कार्यकर्ता तन-मन से लगे रहे. भितरघात की वजह से हार हुई. जिन लोगों ने मोदी मिशन में रोड़े अटकाए हैं, ऐसे लोगों को चिह्नित करके संगठन और शीर्ष नेतृत्व के सामने बात रखी जाएगी. उन्होंने अयोध्या समेत प्रदेश की कई सीटों पर हुई हार की वजह को भितरघात बताया.
लल्लू के बड़बोलेपन, अहंकार ने भी डुबोई लुटिया
अयोध्या में भाजपा की हार के पीछे लल्लू सिंह का बड़बोलापन भी कारण बताया जा रहा है. उन्होंने संविधान जैसे संवेदनशील मसलों पर बेतुकी टिप्पणी की थी. कार्यकर्ताओं को भी एकजुट नहीं रख सके. संगठन के अंदर की नाराजगी ने भी उन्हें जीत से दूर कर दिया. जनता ने उनके बयान व स्वभाव को अहंकारी माना और जनादेश से दूर कर दिया.