Covaxin को लेकर भारत बायोटेक का बड़ा दावा…

कहा- 'Covaxin पूरी तरह सुरक्षित, कोई दुष्प्रभाव नहीं',

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विश्वभर में कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव को लेकर मचे बवाल के बीच बीते गुरूवार को भारत बायोटेक ने बड़ा दावा किया है. इसमें भारत बायोटेक ने कहा है कि, हमारी कारोनारोधी वैक्सीन कोवैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और उसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है. आपको बता दें कि, भारत बायोटेक का यह बयान उस दौरान सामने आया है जब एस्ट्राजेनेका ने लंदन कोर्ट में इस बात को स्वीकार है कि, इस कोविशील्ड का दुष्प्रभाव हो सकता है. कोरोना से बचाव के लिए भारत में भी कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन लगाी गई थी.

परीक्षण के बाद किया गया प्रयोग- भारत बायोटेक

कोवैक्सीन की गुणवत्ता को लेकर दिए गए बयान में भारत बायोटेक ने कहा है कि, ”कोवैक्सीन बनाते समय हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा थी और दूसरी प्राथमिकता वैक्सीन की गुणवत्ता थी, लाइसेंस प्रक्रिया के तहत कोवैक्सीन का 27 हजार से अधिक लोगों पर ट्रायल किया गया. कोवैक्सीन भारत सरकार के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में एकमात्र कोरोना रोधी वैक्सीन थी, जिसके असर का भारत में परीक्षण किया गया था.”

इसके आगे बायोटेक ने अपने बयान में कहा है कि, ”कोवैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल मोड के तहत सीमित इस्तेमाल के लिए लाइसेंस दिया गया था, जहां हजारों लोगों पर इसका ट्रायल किया गया. वैक्सीन का मूल्यांकन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी किया गया था. सभी अध्ययनों और सुरक्षा गतिविधियों में कोवैक्सीन ने उत्कृष्ट सुरक्षा रिकार्ड का प्रदर्शन किया है. वैक्सीन से संबंधित कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला”

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कोर्ट में एस्ट्राजेनेका ने क्या दी स्वीकारोक्ति

बता दें कि, एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट को सौंपे दस्तावेज में स्वीकार किया कि कोविशील्ड नामक ब्रांड के तहत बेची जाने वाली उसकी कोरोना रोधी वैक्सीन के दुष्प्रभाव हो सकते हैं. वैक्सीन लेने के बाद थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है. TTTS में मस्तिष्क या अन्य रक्त वाहिकाओं में थक्का जमता है. रक्त में प्लेटलेट कम हो जाते हैं. प्लेटलेट्स बहुत कम होना खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये छोटी कोशिकाएं हैं जो रक्त को जमने में मदद करती हैं. एस्ट्राजेनेका की वैक्सजेवरिया वैक्सीन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड नाम से बनाई जाती है.

 

 

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