अमजद अली, सोमा घोष ने उज्जैन में मौन तीर्थ पर दी शानदार प्रस्तुति

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उज्जैन में प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने कहा कि संगीत खुदा की बख्शी गई नियामत है। ईश्वर दिल में बसता है, इसलिए आज साज और सुर की बात न करते हुए मेरे दिल की सुनो, संगीत की भाषा आप खुद-ब-खुद समझ जाओगे। यह बात उज्जैन में उस्ताद अमजद अली खान ने मंगलवार रात मौनी बाबा जन्मोत्सव में मौन तीर्थ पर प्रस्तुति देने के बाद मंदिर दर्शन के दौरान कही। पत्नी शुभलक्ष्मी और बेटे अमान व अयान के साथ महाकाल दर्शन के बाद उनका अंदाज सूफियाना हो चला था। उन्होंने कहा -मैं फकीर हूं और भगवान के आशीर्वाद की चाहत रखता हूं।

उन्होंने बताया – मैं 20 साल पहले भी महाकाल मंदिर आया था, लेकिन उस वक्त अकेले दर्शन किए थे। आज सपरिवार भगवान के दर्शन का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता उस्ताद हाफिज अली खान साहब ग्वालियर के हैं। वे पिता के साथ मेरे उस्ताद भी थे। संगीत की शिक्षा मैंने उन्हीं से ली है।

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मौनी बाबा जन्मोत्सव में दी प्रस्तुति

उस्ताद अमजद अली खान ने मंगलवार रात मौनी बाबा जन्मोत्सव में मौन तीर्थ पर प्रस्तुति दी। उनके साथ पुत्र अमान व अयान ने जुगलबंदी भी की। प्रस्तुति के दौरान मौनी बाबा भी मंच पर उपस्थित थे। इस मौके पर डाक्टर सोमा घोष ने भी शानदार प्रस्तुति दी। समारोह के बाद एक चित्र डॉ. सोमा घोष ने उस्ताद अमजद अली खान के साथ जारी किया जिसमें अमजद अली खान के साथ उनकी पत्नी शुभलक्ष्मी, बेटा अमन और अयान अली बंगेश, आदित्य कल्यानपुर, संत श्री सुमन भाईजी और अर्चना शर्मा मौजूद थीं।

इन लोगों को किया गया सममानित

यह समारोह मंगलनाथ मार्ग स्थित गंगाघाट पर सम्पहन्न हुआ। इसके बाद उज्जैन के सतीश महेश्वरी व बड़नगर के अर्जुन परमार को सांदीपनि कृष्ण पुरस्कार तथा माधव तिवारी, अर्चना तिवारी और पं. उमेश भट्ट को मौन तीर्थ कला साधक सम्मान प्रदान किया गया। महोत्सव में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बाबा के भक्तों का उज्जैन आने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा था।

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