America ने चीन को क्यों दी दुष्परिणाम भुगतने की चेतावनी

ट्रंप ने कहा—कोरोना पर चीन ने दी गलत जानकारियां

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वाशिंगटन : America ने चीन को चेतावनी दी है कि चूंकि उसने पूरे विश्व को गलत जानकारियां दी हैं इसलिए उसे इसका दंड भुगतना पड़ेगा।

एक पत्रकार के सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘आपको कैसे पता, इसके कोई दुष्परिणाम नहीं हैं? इस बारे में बार-बार सवाल किए जाने पर ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको नहीं बताऊंगा। चीन को पता चल जाएगा।’

संक्रमण चीन के वुहान शहर से ही पूरी दुनिया में फैला

ट्रंप के मुताबिक चीन ने वायरस से संबंधित गलत जानकारियां साझा की हैं। ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि इस बात में कोई शक नहीं है कि ये संक्रमण चीन के वुहान शहर से ही पूरी दुनिया में फैला है।

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चीन के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं रिपब्लिकन

America के सीनेटर स्टीव डेन्स ने ट्रम्प को पत्र लिखकर अपील की है कि America सरकार चीन से चिकित्सकीय आपूर्ति एवं उपकरणों पर निर्भरता को समाप्त करे और अमेरिका में दवाइयां बनाने संबंधी नौकरियां वापस लेकर आए।

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4 साल पहले ही बन चुकी होती वैक्‍सीन

America में ह्यूस्‍टन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने 2016 में ही कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बना ली थी।

America के बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के नेशनल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन का दावा है कि उन्‍होंने 2016 में ही कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बना ली थी। उसके क्‍लीनिकल ट्रायल्‍स भी पूरे हो गए थे, लेकिन America के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने उनसे काम बंद करने को कह दिया। जब टीम ने उनसे ऐसा करने का कारण पूछा तो एनआईएच ने कहा कि फिलहाल हमें इसमें कोई दिलचस्‍पी नहीं है।

हर व्‍यक्ति जानना चाहता है कि वैक्‍सीन कब तक तैयार हो जाएगी

दुनिया का हर व्‍यक्ति जानना चाहता है कि इसकी वैक्‍सीन या दवाई कब तक तैयार हो जाएगी। वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन से लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक अभी तक यह साफ तौर पर बताने को तैयार नहीं हैं कि इसका कारगर इलाज या वैक्‍सीन कब तक बनकर तैयार होगी।

चीन के ग्वांझो में एक अनजान वायरस से 2002 में एक महामारी फैली। वैज्ञानिकों ने इसे सीवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम (SARS) नाम दिया। इस वायरस से संक्रमित व्‍यक्ति को सांस लेने में मुश्किल पेश आने लगती थी। वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि सार्स बीमारी कोरोना वायरस की वजह से होती है।

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