ऑनलाइन रिलीज करूंगा अमर्त्य सेन पर अपनी फिल्म : सुमन घोष

0

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार सुमन घोष सेंसर बोर्ड द्वारा अटकाकर रखे गए नोबेल पुरस्कार अमर्त्य सेन (Amartya Sen)पर बने अपने वृत्तचित्र को बिना किसी कांट-छांट के कुछ ही महीनों में ऑनलाइन रिलीज करने की योजना बना रहे हैं।  घोष ने कहा है कि ऑनलाइन रिलीज होने वाली फिल्म के में वे सभी शब्द कायम रहेंगे, जिस पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई है।

अमर्त्य सेन पर घोष द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द आर्गुमेंटिव इंडियन’ मूल रूप से 14 जुलाई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने फिल्म से ‘गाय’, ‘गुजरात’, ‘हिंदू भारत’ और ‘हिंदुत्व’ जैसे शब्दों पर आपत्ति जताते हुए फिल्म को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। करीब एक घंटे के इस वृत्तचित्र में सेन को अपने विद्यार्थियों और कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ बेतकल्लुफी से बातचीत करते फिल्माया गया है। फिल्म को पहले ही न्यूयॉर्क और लंदन में प्रदर्शित की जा चुकी है। कोलकाता में 10 जुलाई को इसकी विशेष स्क्रीनिंग हुई।

Also read : माकपा : मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने की मांग

कोलकाता में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अधिकारियों ने घोष से मौखिक रूप से फिल्म से इन चार शब्दों को म्यूट करने के लिए कहा था, लेकिन घोष ने मना कर दिया। घोष ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि मैं ऐसा करूंगा (ऑनलाइन रिलीज करने के बारे में)। विदेशों में कुछ स्क्रीनिंग रखी गई हैं, इसलिए इसे उससे पहले रिलीज नहीं कर सकता। मैं कुछ महीने लूंगा। यह पूरी फिल्म (कांट-छांट बिना) होगी।”

घोष ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पेज पर वृत्तचित्र का 141 सेकेंड का ट्रेलर जारी किया। इससे पहले जुलाई में ट्रेलर का लिंक यूट्यूब पर पोस्ट किया गया था। हालांकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी ने फेसबुक पर ट्रेलर जारी करने को अवैध करार दिया है।

इस पर घोष ने कहा कि मुझे पता करना होगा कि क्या निहलानी ट्रेलर पर आपत्ति कर रहे हैं..और क्या भारत में एक नया कानून बना है, जिसके तहत ऑनलाइन सामग्री को भी प्रमाणित किए जाने की जरूरत होगी। इसलिए पहले मैं इन सब चीजों का पता लगाऊंगा। लेकिन निश्चित रूप से इसे दुनियाभर में रिलीज कर सकता हूं। अपनी फिल्म ‘फुटस्टेप्स’ के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके घोष ने बताया कि सेंसर बोर्ड के पास जाने से काफी पहले ही ट्रेलर तैयार किया जा चुका था।

ट्रेलर को लेकर सेंसर बोर्ड की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर घोष ने कहा कि मैंने उसे देखा (निहलानी द्वारा ट्रेलर को अवैध बताए जाने की मीडिया रिपोर्ट)..मुझे नहीं पता ऐसा क्यों है? मैंने छह फिल्में बनाई हैं और मैं बहुत सारे फिल्मकारों को जानता हूं..सभी ने यह कहा कि यूट्यूब पर पोस्ट करने के लिए प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं होती, और अगर मैं टीवी या थिएटर में दिखाता हूं तो फिर सेंसर के प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। इस विवाद के बाद से घोष ने सेंसर बोर्ड से कोई संवाद नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अब तक कोई पत्र नहीं भेजा है और उन्हें लगता है कि विवाद खड़ा होने के बाद वे सारी चीजों की समीक्षा कर रहे हैं। फिल्मकार का कहना है कि उन्हें एक आधिकारिक पत्र प्राप्त होगा और अधिकारियों ने उनसे मौखिक रूप से जो कहा है उसे उन्हें लिखित रूप में देना होगा..यह अगला कदम होगा।सेंसर बोर्ड हाल के दिनों में ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को प्रमाण पत्र देने में आनाकानी करने और मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदु सरकार’ पर कैंची चलाने को लेकर लगातार विवादों में बनी हुई है। बोर्ड ने शाहरुख खान की फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ में ‘इंटरकोर्स’ शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई थी।

Also Read:  इंडोनेशिया ने विवादित दक्षिण चीन सागर के हिस्से का किया नामकरण

घोष ने कहा कि जिस तरह से मीडिया ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है, इससे यह अंतर्राष्ट्रीय खबर भी बन गई है। घोष ने उम्मीद जताई है कि सेंसर बोर्ड समझदारी से काम लेगा क्योंकि अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी (सेंसर बोर्ड) की आलोचना हो रही है।उन्होंने कहा कि बोर्ड के आगे झुकने का मतलब बिना कुछ कहे और आवाज बुलंद किए इनकी बातों को चुपचाप स्वीकार कर लेना होगा और वह इस तरह के शख्स नहीं हैं।

श्याम बेनेगल के नेतृत्व वाले पैनल द्वारा सेंसर बोर्ड में सुधार करने को लेकर पेश की गई सिफारिशों के कार्यान्वयन के संबंध में सुचारु प्रगति पर घोष ने संदेह प्रकट किया।उन्होंने कहाकि सेंसरशिप अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है, मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा होगा, लेकिन मुझे इसके सुचारु रूप से कार्यान्वित होने पर संदेह है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More