अपना दल के बाद ओपी राजभर ने भी पार्टी इकाइयां की भंग…

UP Politics: लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी अपना दल (S) के बाद अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP ) ने राज्य में अपनी अपनी पार्टियों की सभी इकाइयों को भंग कर दी है. कहा जा रहा है कि दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के द्वारा लिए गए इस निर्णय को लोकसभा चुनाव में ख़राब प्रदर्शन के मद्देनजर देखा जा रहा है.

अपना दल को एक सीट में मिली जीत…

लोकसभा चुनाव में यूपी में अपना दल ने भाजपा के साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें एक सीट पर जीत मिली जबकि एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा जबकि एक सीट SBSP को मिली जिसे घोसी मिली थी वह भी सीट घोसी खो दी. वहीँ, अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने मिर्ज़ापुर से लोकसभा का चुनाव जीता. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के पूर्वी में अपना दल और SBSP का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है.

शनिवार को राजभर ने जारी किया पत्र…

बता दें की शनिवार को SBSP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक पत्र जारी किया था जिसको लेकर पार्टी क महासचिव अरविन्द राजभर ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार पार्टी की सभी प्रमुख इकाइयां यूपी कार्यकारिणी समेत पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड और पश्चिमांचल की क्षेत्रीय जिला, मंडल, विधानसभा और ब्लॉक स्तर की सभी मोर्चे और प्रकोष्ट भंग कर दिए गए है.

राजीव राय ने घोसी में राजभर को दी मात…

गौरतलब है की लोकसभा चुनाव में सीट बटवारे में SBSP को यूपी में केवल एक सीट मिली घुसे जिसमें राजभर ने अपने बेटे अरविन्द राजभर को चुनाव लड़वाया और वहीँ, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राजीव राय ने अरविन्द राजभर को एक लाख 62 हजार वोटों से हरा दिया.

राजभर ने फरवरी में की थी NDA में वापसी…

बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार ने नाता तोड़ दिया था और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल हो गए थे वहीँ, 2022 विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ लड़ा और 6 सीटें जीती. लेकिन एक बार फिर पलटी मारते हुए राजभर फरवरी में NDA में शामिल हो गए .

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अपना दल के राष्ट्रीय सचिव ने जारी किया पत्र…

बता दें कि अपना दल के राष्ट्रीय सचिव मुन्नर प्रजापति ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में सभी राज्य, क्षेत्रीय, जिला विधानसभा ब्लॉक स्तर की इकाइयां भंग की जाती है. प्रजापति ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश कि अभी इकाइयों को भंग किया जाता है न कि राष्ट्रीय स्तर की. इसका कारण है लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन न कर पाना.