अनुशासनहीनता में आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस से निष्कासित
भाजपा को समर्धन
DELHI: कांग्रेस ( CONGRESS) पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ( PRAMOD KRISHNAM) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के कुछ दिन बाद पार्टी से अनुशासनहीनता के चलते 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. कांग्रेस ने एक बयान जारी करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की पुष्टि की है.
पार्टी से निष्कासन के बाद क्या बोले “कृष्णम“
पार्टी से निकाले जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. कृष्णम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ” x ” पर राहुल गांधी को टैग करते हुए कहा कि “राम और राष्ट्र से समझौता नहीं किया जा सकता“. इतना ही नहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम खुले मंचों पर राहुल का विरोध तो प्रियंका गांधी की तारीफ करते थे.
अंदर खाने दिया था भाजपा को समर्धन-
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अंदर खाने से भाजपा ( bjp) को समर्थन दिया हुआ था. इतना ही नहीं उन्होंने अयोध्या ( AYODHYA) में रामलाल ( RAMLALA) की प्राण प्रतिष्ठा के बहिष्कार पर कांग्रेस की खुली आलोचन की थी. जबकि भाजपा के कसीदे पढ़े थे और सभी को राम का बताया था. वहीं, पार्टी से इतर होकर कृष्णम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए अयोध्या गए थे. जबकि हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें 19 फरवरी को कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में संभल आने का निमंत्रण दिया.
कहा था-मोदीजी में दैवीय कृपा है
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि मोदी जी में कोई दैवीय कृपा है. वह दैवीय शक्ति के प्रतीक हैं. पीएम से मिलकर मुझे जो अनुभूति हुई, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
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कौन है आचार्य प्रमोद…
उत्तर प्रदेश के संभल में जन्मे आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को एक त्यागी परिवार में हुआ था. कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा. पहले उन्होंने संभल और फिर लखनऊ से चुनाव लड़ा लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.