कैसी मां थी वो…जो जन्म देकर फेंक गई अपने कलेजे के टुकड़े को…
राजधानी लखनऊ के सआदतगंज में पॉलीथिन में बच्चा मिलने से हड़कंप मच गया। कश्मीरी मोहल्ला स्थित सरगा मस्जिद पार्क में कोई नवजात बच्चे को काले रंग की पॉलीथिन में करके फेंक गया। जब रोजेदारों ने मस्जिद के पास ही पार्क की रेलिंग पर टंगी पॉलीथिन से बच्चे के रोने की आवाज सुनी। रोजेदारों से जानकारी पाकर पुलिस पहुंची और पॉलीथिन से नवजात को बाहर निकाला।
लोगो ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी फिर…
चर्चा है कि लोकलाज के डर से बच्चे के जन्म लेने के तुरंत बाद ही उसे पॉलीथिन में रखकर मस्जिद में छोड़ दिया गया।पुलिस ने बच्चे को वहीं रहने वाले एक शख्स को सौंप दिया था, लेकिन बाद में चाइल्ड लाइन ने बच्चे को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया है। कश्मीरी मोहल्ले में स्थित सरगा पार्क में ही मस्जिद है। मंगलवार सुबह करीब चार बजे रोजेदार फज्र की नमाज अदा करने मस्जिद पहुंच रहे थे। पार्षद तनवीर हसन ‘गुड्डू’ ने बताया कि तभी रोजेदारों ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी।
पता किया गया तो पार्क की रेलिंग में टंगी काली पॉलीथिन से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई। सआदतगंज पुलिस भी पहुंची और पॉलीथिन को नीचे उतारा। उसमें कपड़े में लिपटा एक नवजात बच्चा था। नवजात बच्चे के मिलते ही आसपास के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। तभी बच्चे को अपनाने के लिए वहीं रहने वाले टेंट व्यवसायी शीलू और उनकी बहन फूलबानो आगे आए। फूलबानो के कोई औलाद नहीं है। लिहाजा उन्होंने बच्चे को सहारा दिया।
आनन फानन में बच्चे को अस्पताल पहुंचाया
परिवारीजन बच्चे को लेकर बलरामपुर अस्पताल गए तो वहां डॉक्टरों ने इलाज करने में हीलाहवाली शुरू कर दी। लिहाजा परिवारीजन बच्चे को लेकर एक डॉक्टर के पास गए और उसका इलाज करवाया। पुलिस से मामले की जानकारी पाकर चाइल्ड लाइन की टीम कश्मीरी मोहल्ला निवासी शीलू के घर पहुंची और बच्चे को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया। चाइल्ड लाइन के सदस्य अजीत कुशवाहा ने बताया कि बच्चे को अस्पताल भेजा गया है। वहां से उसे चाइल्ड लाइन लाया जाएगा।चाइल्ड लाइन के सदस्य अजीत ने बताया कि बच्चा अभी चाइल्ड लाइन के पास ही रहेगा।
गोद लेने के लिए आगे आए लोग
सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की नियमावली के मुताबिक 60 दिन तक बच्चे को सीडब्ल्यूसी की देखरेख में रखा जाएगा। उसे उसके माता-पिता तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए अखबारों, आकाशवाणी व दूरदर्शन में विज्ञापन जारी कर उसकी पहचान करवाने की कोशिश की जाएगी। अगर उसकी पहचान नहीं हो पाती है तो एडॉप्शन की प्रक्रिया शुरू करवाई जाएगी। इसके लिए जरूरतमंदों को चाइल्ड लाइन व सीडब्ल्यूसी से संपर्क करना होगा। कश्मीरी मोहल्ला वार्ड के पार्षद तनवीर हसन का कहना है कि मोहल्ले में रहने वाली फूलबानो ने बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई थी।
अगर उसके माता-पिता की पहचान नहीं हो पाती है और प्रक्रिया के तहत गोद लिए जाने के बाद वह मोहल्ले में वापस आता है तो उसकी पढ़ाई-लिखाई का वह पूरा खर्च वहन करेंगे। कश्मीरी मोहल्ला चौकी प्रभारी एसआई अशोक कुमार दुबे का कहना है कि बच्चे को शुरुआत में किसी की सुपुर्दगी में देना जरूरी था, इसीलिए एक परिवार के पास उसे रखा गया था। अब चाइल्ड लाइन उसे ले गई है। बच्चे को पॉलीथिन में रखकर लावारिस छोड़ने वाले का पता लगाया जा रहा है। इसके लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
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