काशी से आज निकलेगी विश्व शांति की सांगीतिक यात्रा ‘भैरव से भैरवी तक’
आशीष बागची
पद्मभूषण पंडित राजन-साजन मिश्र का अनोखा विश्व शांति-दौरा 18 नवंबर से वाराणसी के अस्सी घाट से शुरू हो रहा है। इसका मकसद शांति-सद्भाव का संदेश प्रसारित करना है।
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शुक्रवार को उनके वाराणसी के कबीरचौरा स्थित आवास पर भारी जमावड़ा था। पंडित साजन मिश्र तो 60-65 लोगों से घिरे बैठे थे। सभी बड़े संगीतकार थे।
18 नवंबर की शाम को बनारस के सुप्रसिद्ध घाट अस्सी से इसकी शुरूआत जो होनी है। पिछले करीब पचास साल से दोनों भाई साथ साथ गा रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि ‘भैरव से भैरवी’ तक दरअसल है क्या? उन्होंने बताया -‘भैरव सुबह का राग है और भैरवी रात का, इन दोनों के बीच में कई सारे राग हैं। दोपहर के, शाम के, रात के। इन दोनों रागों के बीच दूसरी रागों का बड़ा वर्णक्रम है। यही वर्णक्रम इस संगीत यात्रा की थीम है। और, इसमें जुड़ती है विश्व शांति। इस तरह से यह एक सांगीतिक विश्व शांति यात्रा है, जो बनारस से शुरू हो रही है। यह भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी से शुरू होकर न्यूजीलैंड में जाकर खत्म होगी।
इससे पहले जर्मनी, मुंबई और अहमदाबाद में इस तरह की ‘थीम’ पर दोनों भाई गा चुके हैं। ये कार्यक्रम 7-7 घंटों के थे। ऐसी इच्छा हुई कि इस तरह का कार्यक्रम लेकर पूरी दुनिया का दौरा किया जाए। एक रोज सलोनी गांधी (आयोजक) के साथ इस पर चर्चा हुई। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा तय की और अब इसी नवंबर महीने की 18 तारीख से इस विश्व दौरे की शुरूआत हो रही है।’
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‘भैरव से भैरवी तक पूरे एक साल तक चलने वाला कार्यक्रम है। बनारस से शुरू करने के बाद अगला कार्यक्रम अहमदाबाद में आयोजित किया जाएगा। कोलकाता, दिल्ली, बैंगलोर, पुणे, मुंबई, भोपाल, लुधियाना, पटना में भी इस सीरीज में कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके बाद विश्व दौरे का कारवां अगले साल मार्च में साउथ ईस्ट एशिया के अलग अलग देशों में पहुंचेगा। अप्रैल, मई, जून का समय कनाडा और अमेरिका के कार्यक्रमों में बीतेगा। इसके बाद दक्षिण अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से होकर इस विश्व दौरे का समापन होगा।’
(दोनों भाई विश्व को शांति का सांगीतिक संदेश देने के लिए 18 नवंबर को अस्सी घाट काशी से निकलेंगे।)