उमराव जान की 86वीं बरसी पर लोगों ने किया याद
Varanasi : बेजोड व लुभावने नृत्य से लोगों को मुरीद बनाने वाली मशहूर नृत्यांगना उमराव जान को बनारस में लोगों ने याद किया. उनकी 86वीं बरसी पर मंगलवाार की दोपहर वाराणसी के सिगरा स्थित दरगाह -ए- फातमान में उनके मकबरे पर लोगों ने फातिहा पढा और पुष्प वर्षा कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. आपको बता दें कि उमराव जान ने अपना अंतिम समय बनारस में ही गुजारा था. 26 दिसंबर को इसी शहर में अंतिम सांस ली थी. रुपहले पर्दे की धाकड शख्सियत उमराव जान के असल किरदार को याद किया गया. सामाजिक संस्था डर्बीशायर क्लब की ओर से फातमान स्थित दरगाह पर फातिहा पढी और गुलपोशी की गई. क्लब के अध्यक्ष शकील बहमद जादूगर न बताया कि अपनी अदाकारी से मराव जान ने उस दौर के नवाबों, रजवाडों से लेकर आम लोगों तक गहरी छाप छोडी थी.
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अकेलेपन से खिन्न होकर आई थी काशी
क्लब के अध्यक्ष ने बताया कि फैजाबाद में उमराव जान ने गीत संगीत और नृत्य की शिक्षा ली. उन पर बनी दो फिल्मों पर भी उन्होंने प्रकाश डाला. उनके किरदार को मशहूर निर्देशक मुजफ्फर अली ने बडे पर्दे पर देश दुनिया के सामने पेश किया तो किरदार भारतीय सिनेमा में अमर हो गया. अपने अंतिम समय में अकेलेपन से दुखी होकर उमाराव जान काशी आ गईंं.इस बवसर पर मौजूद सभी लोगों ने सरकार से उमराव जान के मकबरे को संरक्षित करने व सुदरीकरण करने की मांग की.