योगी सरकार ने लगाया श्रवण यात्रा पर रोक, जानिए वजह
उत्तर प्रदेश में पिछली अखिलेश सरकार में शुरू की गई धार्मिक श्रवण यात्रा को योगी सरकार ने बंद कर दिया है। सरकार के अनुसार आर्थिक बोझ बढ़ने की वजह से जनहित में यह फैसला लिया गया है। दरअसल सोमवार को बस्ती से बीजेपी के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए सवाल पूछा कि बुजुर्गों को मुफ्त में धार्मिक यात्रा करवाने वाली योजना श्रवण यात्रा के तहत रजिस्ट्रेशन क्यों बंद है।
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अखिलेश सरकार में श्रवण यात्रा को हुई थी शुरू
इस सवाल के जवाब में योगी सरकार में धार्मिक मामले के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि योजना को जनहित में बंद किया गया है, क्योंकि इसकी वजह से सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा था। भविष्य में इसे फिर से शुरू करने की फ़िलहाल कोई योजना नहीं है। इससे पहले इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने श्रवण यात्रा को अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए स्थगित कर दिया था। इसके लिए आईआरसीटीसी ने सरकार की तरफ से फण्ड न मिलने का हवाला दिया था। पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में इस श्रवण यात्रा को शुरू किया गया था। इसके तहत बुजुर्गों को मुफ्त में धार्मिक यात्रा पर ले जाया जाता था।
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श्रवण यात्रा में 14 करोड़ का फण्ड मिला
श्रवण यात्रा इस साल तक शुरू थी और 14 करोड़ का फण्ड भी किया गया गया था। इसके बावजूद आईआरसीटीसी को बकाया एक करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया। आईआरसीटीसी अधिकारीयों के मुताबिक हजारों शर्द्धालुओं को इस योजना के तहत देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन करवाए गए। 2016 में श्रवण यात्रा के लिए 6 ट्रेन चल रहीं थीं जबकि 2017 में सिर्फ दो ही ट्रेनें चल रहीं थीं। अक्टूबर में श्रद्धालुओं को द्वार और सोमनाथ के दर्शन करवाना था, जबकि नवम्बर में मदुरई और रामेश्वरम दिसम्बर में पूरी और कोणार्क जाने का प्रोग्राम था।