विश्व हिंदी दिवस: सबसे सरल व समझने वाली भाषा है हिंदी
इंदिरा गांधी ने किया था पहला हिंदी सम्मेलन
दुनिया में 10 जनवरी को हिंदी दिवस ( Dindi Diwas ) मनाया जाता है. विश्व हिंदी दिवस ( world Hindi Day) का प्रमुख उद्देश्य पूरी दुनिया में हिंदी के प्रचार और प्रसार को बढ़ावा देना है. इसके अलावा लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जानकारी उपलब्ध भी करवाना है ताकि हर एक व्यक्ति इस भाषा को सीख सके. पूरी दुनिया में हिंदी ( HINDI )एक ऐसी भाषा है जिसे समझने और बोलना काफी आसान है. इस दिन हिंदी दिवस संबंधित कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें जानकार लोग शामिल होकर हिंदी भाषा के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान करते हैं. हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है और यहां के अधिकांश लोग हिंदी भाषा में ही बातचीत करते हैं. हिंदी को पूरी दुनिया में प्रचार और प्रसार करने की योजना पर भी काम होता है ताकि अधिकांश लोग इस भाषा को सीख सकें.
इसलिए मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस
आमतौर पर लोगों में एक धारणा है कि हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस दोनों एक ही है, जो कि बिल्कुल गलत है. हिंदी दिवस 14 सितंबर को भारत में राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है जबकि विश्व हिंदी दिवस पूरे दुनिया में 10 जनवरी को मनाया जाता है. इसके माध्यम से लोगों को हिंदी भाषा के बारे में व्यापक जानकारी दी जाती है, ताकि अधिक संख्या में लोग हिंदी सीख सके. हिंदी एक ऐसी सरल और सहज भाषा हैं, जिसे सीखना और लिखना दोनों ही आसान हैं.
विश्व हिंदी दिवस का इतिहास
10 जनवरी 2006 को भारत सरकार के द्वारा इसकी घोषणा की गयी थी. हालांकि सबसे पहले हिंदी सम्मेलन का आयोजन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 10 जनवरी 1975 को नागपुर में किया था. तभी से 10 जनवरी को यह दिवस मनाया जा रहा है. पहले हिंदी सम्मेलन में 22 देश के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे. आज के वक्त में भारत समेत पोर्ट लुईस, स्पेन, लंदन, न्यूयॉर्क, जोहानसबर्ग में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है.
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इस दिवस का महत्व
हिंदी भाषा का नाम “हिंद” शब्द से आया है जो फ़ारसी है, जिसका अर्थ है “सिंधु की भूमि.” इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के इंडो-आर्यन घटक में हिंदी शामिल है. यह भारत, त्रिनिदाद और टोबैगो, नेपाल, गुयाना, टोबैगो और मॉरीशस सहित अन्य देशों में बोली जाती है. विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसके अलावा इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता, सेमिनार, डिबेट, मीटिंग्स, परिचर्चा एवं जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें अधिक संख्या में छात्र सम्मिलित होकर हिंदी भाषा को और भी करीब से जानते हैं. हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है जो ‘अ’ अनपढ़ से शुरू होती है और ‘ज्ञ’ ज्ञानी बनकर समाप्त होती है.