हिंदी दिवस: आखिर हिंदी को ही क्यों मिला राजभाषा का दर्जा ?
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आज यानी 14 सितंबर को देश भर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. हिंदी भारत की राजभाषा है और देश के करीब 77% लोग हिंदी बोलते हैं. आइये जानते हैं हिंदी दिवस से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें –
15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद देश के सामने एक बड़ा सवाल एवं प्रमुख सवाल था कि देश की राष्ट्रभाषा कौन सी होगी। इस पर काफी मंथन करने के उपरांत बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा के रूप में चुना गया।
जब हिंदी घोषित हुई राजभाषा
संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया। हिंदी को राजभाषा का दर्जा आजादी के लगभग दो वर्ष पश्चात 14 सितंबर 1949 को मिला। तब से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है।
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हिंदी एवं अंग्रेजी में हिंदी को ही राजभाषा चुनने के पीछे कई अहम कारण सामने आए। सबसे पहले तो देश में सबसे ज्यादा लोग हिंदी भाषा को लिख पढ़ एवं बोल सकते थे। दूसरा इसकी सबसे अहम् एवं खास बात यह भी है कि इसमें जिस शब्द को जिस प्रकार से उच्चारित किया जाता है, उसे लिपि में भी उसी प्रकार लिखा जाता है।
चाचा नेहरु ने कहा था –
आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने हिंदी दिवस पर कहा था कि, इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाएगा। बता दें, 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है।
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