आखिर क्यूँ माउंटबैटन की डायरी को सार्वजनिक करने से डर रही है बिटिश सरकार
ब्रिटेन सरकार के आखिर वाइसराय माउंटबैटन और उनकी पत्नी एडविना बैटन के डायरी और उनको खतों को सार्वजनिक करने से फिर से इनकार कर दिया है. ब्रिटिश लेखक एंड्रू लोवानी पिछले चार से इसकी तलाश कर रहे है. उन्हें इसकी जानकारी भी मिली और उसे हासिल करने में उन्होंने करीब ढाई हज़ार पाउंड खर्च चुके है. लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ नाकामी ही मिली है.
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खुल सकते है माउंटबैटन के कई राज़
बिर्टिश न्यूज़पेपर ‘The Guardian’ को दिए एक इंटरव्यू ने लेखक लोवानी कहते है कि अगर पत्र और उनकी डायरी को सार्वजनिक किया जाता है तो उससे कई तरह के राज़ खुल सकते है. भारत के विभाजन और एडविना के साथ माउंटबैटन के रिश्तें का राज़ उन्ही पत्र और डायरी में सुरक्षित है. 2010 में माउंटबैटन की डायरी में से एडविना के कुछ खत और भारत के विभाजन के बारे कुछ अहम जानकरी थी जिसे वहां की सरकार ने सुरक्षित कर दिया था. बाकी के खत और डायरी को साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी ने अपने पास रखा है.
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किताब में जानकारी लेने की कोशिश की थी
2017 में माउंटबेटन पर किताब लिखने वाले लेखक लोवनी 2017 से इन डायरी और खतों को पाने के लिए कोशिश में जुटे हैं. सूचना की स्वतंत्रता (FOI) के तहत अपील और सूचना आयुक्त कार्यालय की ओर से इन्हें सार्वजनिक किए जाने के आदेश के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि सरकार ने आदेश दिया है कि उसके आदेश के बिना इन पेपर्स को सार्वजनिक ना किया जाए. लोवनी का कहा है कि इसमें जरूर कुछ बहुत दिलचस्प है. उनका मनना है कि ये दस्तावेज शाही परिवार और भारत के विभाजन को लेकर कई राज खोल सकते हैं.
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