कब ख़त्म होगी भारत में कोरोना की दूसरी लहर?
कोरोना महामारी से जूझ रहे देश के हर नागरिक के समक्ष इस समय एक ही सवाल है कि यह दूसरी लहर कब खत्म होगी, कब राहत मिलेगी। लेकिन वैज्ञानिक शोध इस तरफ संकेत कर रहे हैं कि दूसरी लहर पहले से ज्यादा लंबी हो सकती है। सामान्य फ्लू की तरह ही हर फ्लू सीजन में कोरोना की नई लहर का सामना करना पड़ सकता है।
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फ्लू की तरह फ़ैल सकता है कोरोना
साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है। यह शोध पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज चंडीगढ़ एवं पंजाब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। इसमें 1857 से लेकर 2015 के बीच फैली फ्लू जैसी बीमारियों के आंकड़ों और रुझान को आधार बनाया गया है। शोध में कहा गया है कि धरती के उत्तरी गोलार्ध में जिस प्रकार सीजन शुरू होने पर फ्लू की बीमारी तेजी से फैलती है वैसे ही कोरोना भी फैल सकता है और सीजन खत्म होने पर कमजोर पड़ जाएगा। लेकिन ऐसा बार-बार होगा। अगले सीजन में फिर ये ऐक्टिव हो सकता है। फ्लू का यह दौर ऑक्टोबर से शुरू होता है और मई तक जारी रहता है।
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इन सीज़नों में फैल सकता है कोरोना इस बीच में आमतौर पर फ्लू के दो सीजन होते हैं। एक ऑक्टोबर में मौसम बदलने के साथ शुरू होता है और दूसरा ऐसी ही स्थितियों में फरवरी के आखिर या मार्च के आरंभ में शुरू होता है। इन महीनों के दौरान कोरोना की नई लहर उत्पन्न होगी और जो सीजन के अंत तक खत्म होगी। मतलब, ऑक्टोबर में शुरू होने वाली लहर दिसंबर-जनवरी तक कमजोर पड़ जाती है। फरवरी-मार्च में शुरू होने वाली लहर मई में खत्म होती है।
इस बार लहर लम्बी हो सकती है
दूसरी लहर ज्यादा लंबी हो सकती है शोध में यह भी कहा गया कि फ्लू की पहली लहर की अवधि छोटी पाई गई है। लेकिन इसके बाद की लहरें थोड़ी ज्यादा लंबी हो सकती हैं। हालांकि कोई समयावधि इस बारे में नहीं बताई गई है। रिपोर्ट में वर्ष 1857, 1889,1918, 1968, 1977 तथा 2209 की फ्लू या फ्लू जैसी महामारियों का जिक्र किया गया है।
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