जब राम की मूर्ति लग सकती है तो मेरी क्यों नहीं : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती का कहना है कि अगर राम की मूर्ति बन सकती है तो उनकी मूर्ति क्यों नही बन सकती।
अपनी और पार्टी चिन्ह हाथी की मूर्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवर से बिफरीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपनी दलील में भगवान राम से लेकर कई पूर्व प्रधानमंत्रियों तक की मूर्तियों का हवाला दे दिया।
देश में मूर्तियां लगाने की परंपरा पुरानी-
बसपा अध्यक्ष ने पूछा कि अयोध्या में भगवान राम की प्रस्तावित 221 मीटर ऊंची मूर्ति का ऐसा ही विरोध क्यों नहीं हो रहा है?
सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में नेहरू से नरसिंह राव तक का जिक्र किया गया है। मायावती ने कहा कि देश में मूर्तियां लगाने की पुरानी परंपरा रही है।
उन्होंने अपने वकील शैल द्विवेदी के मार्फत उच्चतम न्यायलय से कहा, ‘कांग्रेस के शासन काल में केंद्र और राज्य सरकारों ने देश भर में सरकारी खजाने से जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी वी नरसिंह राव की मूर्तियां लगवाईं। लेकिन, इन मूर्तियों को लेकर कभी न तो मीडिया और न ही याचिकाकर्ता ने कोई सवाल उठाया।’
भगवान राम, शिवाजी, पटेल की मूर्तियां क्यों?-
इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुजरात सरकार द्वारा 3,000 करोड़ रुपये की लागत से सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति और मुंबई में शिवाजी महाराज की मूर्तियों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी भगवान राम की मूर्ति बनाने की योजना पर आगे बढ़ रही है।
इसके लिए जमीन अधिग्रहण, डिजाइन डिवेलपमेंट और प्रॉजेक्ट रिपोर्ट आदि पर 200 करोड़ रुपये की शुरुआती लागत आएगी।
यह भी पढ़ें: मायावती ने SC से कहा – मूर्तियों की स्थापना सही
यह भी पढें: वीडियो जारी कर विपक्ष का दावा, नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)