भारतीय महिला हॉकी टीम की टोक्यो ओलंपिक में शानदार जीत का श्रेय वैसे तो पूरी टीम को ही जाता है। मगर भारतीय टीम की गोल कीपर सविता पूनिया ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है वो बेदह ही हैरतंगेज और काबिलेतारीफ है।
सविता टोक्यो में ऑस्ट्रेलिया के सामने भारत की दीवार बनकर अड़ी रहीं। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के 7 पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील नहीं होने दिया और टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया।
आखिरी के वो 3 मिनट-
आखिरी के 3 मिनट जो मैच में सबसे ज्यादा अहम थे उस दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम को दो पेनल्टी मिले, ऐसे में पूरा दवाब सविता पर था।
सविता ने अपने करियर का सबसे मुश्किल 3 मिनट मैदान पर बिताया और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के गोल करने की कोशिश को नाकाम कर दिया। इसके साथ ही लोगों को शमित अमीन के निर्देशन में बनी शाहरुख की फिल्म ‘चक दे इंडिया’ की याद आ गई।
पूनिया ने अपना 100 फीसदी दिया और ऑस्ट्रेलिया को एक भी गोल करने नहीं दिया। हर तरफ सविता की तारीफ हो रही है। इस शानदार परफॉर्मेंस ने उन्हें भारतीय महिला हॉकी में नया ‘दीवार’ का निकनेम दे दिया है।
इंडियन हॉकी बेस्ट गोल कीपर हैं सविता-
सविता पूनिया दूसरी बार ओलिंपिक में भाग ले रही हैं। इससे पहले उन्होंने रियो ओलिंपिक में भाग लिया था। हॉकी में शानदार खेल प्रदर्शन के लिए 2018 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था। सविता पूनिया को इंडियन हॉकी बेस्ट गोल कीपर भी चुना जा चुका है।
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