विकास दुबे का बचना मुश्किल, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर !
उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी शुक्रवार को कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने की कोशिशें तेज कर दी हैं। गैंगस्टर राज्य से बाहर न निकल जाए, इसके लिए राज्य की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। वहीं दुबे संभवत: भागने में प्रयोग किए जाने वाले व उन्हें छोड़ देने वाले वाहनों के मदद से भी जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने निकटवर्ती राज्यों में अपने समकक्षों को भी उसके बारे में सतर्क कर दिया है, क्योंकि ऐसी संभावना है कि गैंगस्टर कहीं भी छिपा हो सकता है।
विकास दुबे के पोस्टर आस-पास के सभी जिलों और उप्र-नेपाल सीमाओं पर लगाए गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जिले से लगी सीमा के माध्यम से नेपाल भागने की दुबे की संभावित कोशिश को नाकाम करने के लिए पीलीभीत पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है।
सीमाओं पर पुलिस सतर्क-
पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश यादव ने कहा कि सीमाओं को सील करने के साथ ही पुलिस सभी वाहनों और व्यक्तियों की सघन तलाशी ले रही है।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने भी सीमा की रक्षा करने वाले अपने कर्मियों को सतर्क कर दिया है। 49वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट रमन सिंह ने कहा, “दुबे की पहचान के लिए हमने अपने कर्मियों के बीच उसकी तस्वीरें प्रसारित की है।”
सिंह ने कहा, “पुलिस सभी संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों पर कड़ी निगरानी रख रही है। पुलिस और एसएसबी सीमा पर सभी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं, हालांकि वर्तमान में सीमा का अधिकांश हिस्सा शारदा नदी के तेज बहाव की चपेट में होने के कारण यात्रा के लिए अनुकूल नहीं है।”
राज्य सरकार ने सोमवार को इंस्पेक्टर कुंवर पाल और कांस्टेबल के.के. शर्मा व राजीव को निलंबित कर दिया। इनकी फोन काल की जांच में पता चला कि यह तीनों विकास दुबे के संपर्क में थे।
इसी बीच राज्य पुलिस को रविवार को औरैया में हाइवे पर एक ग्रे रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार मिली है, जिसमें डैशबोर्ड में वाहन के स्वामित्व संबंधी कागजात थे। पुलिस को संदेह है कि शुक्रवार को अपराध करने के बाद गैंगस्टर द्वारा इसी कार का इस्तेमाल किया गया होगा।
इसके अलावा पुलिस ने कानपुर में काकादेव पुलिस सर्कल में तीन अन्य छोड़ी गईं काली लक्जरी कारें भी बरामद की हैं। इन कारों पर पंजीकरण नंबर प्लेट नहीं हैं और वाहन बिल्कुल नए हैं।
खंगाला जा रहा विकास का रिकॉर्ड-
जांच के दौरान पता चला है कि इन कारों को एक स्थानीय व्यवसायी जय बाजपेयी ने खरीदा था, लेकिन ये कारें अलग-अलग नामों के तहत पंजीकृत हैं।
जब्त की गई एक ऑडी कार भारतीय युवा जनता मोर्चा (बीवाईजेएम) नेता प्रमोद विश्वकर्मा के नाम पर और एक फॉरच्यूनर राहुल सिंह के नाम पर पंजीकृत है। वहीं तीसरी गाड़ी कपिल सिंह के नाम पर ली गई थी।
बाजपेयी को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। अभी तक वह यह नहीं बता पाया है कि उसने दूसरों के नाम पर वाहन क्यों खरीदे थे।
इसके अलावा एक बर्थडे पार्टी में विकास दुबे के साथ इस व्यापारी की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। बाजपेयी ने कहा कि तस्वीर के वायरल होने के बाद वह डर गया था और इसलिए उसने कारों को सुनसान जगहों पर खड़ा कर दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाजपेयी सोशल मीडिया स्टार अन्नू अवस्थी का करीबी है।
इससे पहले शुक्रवार शाम को भी इटावा में एक छोड़ी हुई सफेद बोलेरो जब्त की गई थी और इस वाहन को लेकर भी यह भी अनुमान लगाया गया था कि अपराधियों ने इसका इस्तेमाल भागने के लिए किया होगा।
विकास की धरपकड़ के लिए सतर्कता बढ़ी-
इसके अलावा औरैया-दिबियापुर बाईपास के पास भी एक फोर्ड कार बरामद हुई। कार से बरामद दस्तावेज से पता चला कि वाहन लखनऊ के किसी अमित दुबे का है।
कार में तीन पहचान पत्र, एक वॉलेट, लखनऊ के एक अच्छे स्कूल की आईडी और महंगे जूते मिले, जिन्हें फिंगर प्रिंट विशेषज्ञों और फोरेंसिक टीमों को सौंप दिया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “वाहन के रियर मिरर में ‘प्रवक्ता, हिंदू संगठन’ जैसे शब्द लिखे हुए हैं।”
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