10वीं फेल युवक ने बनाई ये मशीन, अब कर रहा जबरदस्त खेती
जरूरी नहीं होता कि इंसान बड़े-बड़े कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में पढ़कर ही किसी चीज के बारे में सीख सकता है या किसी चीज की खोज कर सकता है। इंसान के अंदर उस हुनर को पहचानने की देरी होती है जो उसके अंदर छिपा होता है। उसके बाद उस हुनर के साथ ही आप उस क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं जिसमें आपका हुनर बोलता है।
कुछ ऐसी ही कहानी है चंबा के विजय कुमार की, जिन्होंने एक ऐसी खोज की है जिसके बाद आप भी कहेंगे कि हुनर के आगे कभी-कभी पढ़ाई भी फेल हो जाती है। चंबा के युवा किसान ने भी कुछ इसी जज्बे के साथ बिना बिजली के चलने वाला पंप तैयार किया है। । 32 वर्षीय युवक पेशे से किसान है और दसवीं पास है।
विजय कुमार कहते हैं कि सिहुंता तहसील के डडामण खड्ड किनारे उनकी जमीन है। यहां सिंचाई के लिए दिक्कत रहती है। इसी को लेकर बिजली के बिना चलने वाला पंप बनाने का फार्मूला उनके दिमाग में आया। इसके लिए सबसे पहले चैकवाल और एक प्रेशर टैंक का सहारा लिया। इसमें दो इंच डाया के पाइप से हेड प्रेशर बनाकर अपने उपकरण को जोड़ा।
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इससे पानी की सप्लाई शुरू हो गई। इसके लिए किसी तरह की बिजली मोटर या पंप की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने बताया कि पहले एक किलोग्राम वजन के पंप से ढाई फीट ऊंचाई से पानी गिराकर हेड प्रेशर बनाकर बारह फीट ऊंचाई पर पानी पहुंचाया।
जब यह प्रयोग सफल रहा तो उन्होंने तीस किलो का हाइड्रोलिक पंप तैयार किया। इसमें बारह फीट ऊंचाई से पानी गिराकर हेड प्रेशर बनाकर 45 से 50 फीट ऊंचाई पर पानी पहुंचाया। प्लेन एरिया में 200 मीटर दूरी तक पहुंचाया। बताया कि वह दसवीं पास हैं तथा गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। इस पंप को पूरा तैयार करने में बीस हजार रुपये खर्च आया है।
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अगर वे इस पंप के लिए थोड़ी और धनराशि जुटा पाते हैं तो बारह इंच के पाइप वाला पंप तैयार करेंगे। इससे बंजर भूमि की सिंचाई बिना किसी खर्चे से की जा सकेगी। उन्होंने एसडीएम चुवाड़ी और डीसी चंबा से आग्रह किया है कि उसकी आर्थिक मदद की जाए। यह पंप निजी क्षेत्र के साथ-साथ आईपीएच विभाग और कृषि विभाग को लाभदायक सिद्ध होगा।
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