Varanasi: 30 करोड़ की म्याऊं-म्याऊं के साथ हत्थे चढ़े दो तस्कर

एसटीएफ और महाराष्ट्र पुलिस ने सिंधोरा थाना क्षेत्र में मारा छापा, 2.5 किलो मेफेड्रोन ड्रग्स व केमिकल बरामद

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वाराणसी जिले के सिंधौरा थाना क्षेत्र के भगवतीपुर (मझवां) गांव के एक मकान से शनिवार को 2.5 किलो मेफेड्रोन ड्रग्स के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ की वाराणसी इकाई और महाराष्ट्र के ठाणे थाने की पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी की. मेफेड्रोन ड्रग्स जरायम जगत में म्याऊं-म्याऊं के नाम से कुख्यात है. तस्करों की पहचान बड़ागांव थाना के तिवारीपुर गांव के संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली और पुवारी खुर्द के अतुल सिंह के रूप में हुई. एसटीएफ और महाराष्ट्र पुलिस गिरोह के सरगना ओम गुप्ता उर्फ मोनू की तलाश कर रही है. इन तस्करों के पास से बरामद ड्रग्स और केमिकल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 30 करोड़ रुपये बताई गई हैं.

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एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई के दौरान मकान से मेफेड्रोन ड्रग्स की खेप के अलावा उसे बनाने में प्रयुक्त होनेवाले 152 बोतल मिथाइलमाइन, 10 बोतल क्लोरोफॉर्म, 41 बोतल सोडियम हाइड्रॉक्साइड, चार बक्से में हाइड्रोक्लोरिक एसिड, 100 किलो नशीला पाउडर, एक हॉट एयर ओवन, दो जार, दो मैग्नेटिक पेपर, दो मिक्सर, मोटर के साथ दो स्टिरर रॉड, चार मोबाइल और कार बरामद हुई है.

मुंबई के नाला सोपारा का रहनेवाला है सरगना ओम गुप्ता ऊर्फ मोनू

एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह के अनुसार ठाणे पुलिस ने सूचना दी थी कि ठाणे जिले के कसावडावली थाने में नॉरकोटिक्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में वांछित मुंबई के नाला सोपारा निवासी ओम गुप्ता ऊर्फ मोनू वाराणसी और आसपास के जिलों में छिपकर रह रहा है. वह अपने साथियों की मदद से तस्करी कर रहा है. पता चला कि ओम गुप्ता पूर्वांचल के ड्रग्स तस्करों के साथ सिंथेटिक मादक पदार्थ तैयार कर महाराष्ट्र भिजवा रहा है. मुखबिर और सर्विलांस की मदद से पता चला कि भगवतीपुर (मझवां) गांव में प्रदीप प्रजापति के मकान में सिंथेटिक ड्रग्स तैयार किये जा रहे हैं. एसटीएफ के इंस्पेक्टर अनिल और ठाणे पुलिस की टीम ने छापा मारकर दो आरोपितो को ड्रग्स और उसे तैयार करने वाले केमिकल के साथ गिरफ्तार कर लिया. ठाणे पुलिस दोनों तस्करों को ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले जाने की तैयारी में है.

जनवरी में ठाणे में पकड़े गये थे गिरोह के तीन तस्कर

एसटीएफ की पूछताछ में तस्कर अतुल सिंह ने बताया कि ओम गुप्ता उर्फ मोनू गिरोह का सरगना है. ठाणे और आसपास में उसके गिरोह के तस्कर सक्रिय रहते हैं. पिछले जनवरी माह में उसके गिरोह के तीन तस्करों को ठाणे पुलिस ने गिरफ्तार कर 32 लाख रुपये का सिंथेटिक ड्रग्स बरामद किया था. ओम गुप्ता भाग निकला था. इस मामले में ओम गुप्ता की तलाश हो रही है. पुलिस जब उसके पीछे पड़ी तो वह वहां से भागकर वह वाराणसी आ गया और यही से सिंथेटिक ड्रग्स तैयार कर गिरोह के तस्करों के जरिए मुंबई भेजवा रहा था. संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली ने बताया कि ओम गुप्ता से उसकी मुलाकात मुंबई में हुई थी. ओम ने उससे वाराणसी में सिंथेटिक ड्रग्स तैयार करने के लिए एक सुरक्षित मकान की तलाश करने को कहा था. संतोष ने साथी अतुल सिंह से संपर्क किया. अतुल सिंह के नाम पर मकान खरीदने के लिए प्रदीप प्रजापति को 6.50 लाख रुपये एडवांस दिए थे. शेष रूपये कुछ दिनों के बाद देकर मकान की रजिस्ट्री कराने को कहा था. दोनों ने बताया कि उन्हें एक किलो ड्रग्स तैयार करने के लिए दो लाख रुपये मिलते थे. इस धंधे में अच्छी कमाई हो रही थी. उन्होंने गिरोह से जुड़े कई लोगों के नाम भी बताए हैं.

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