‘साजिश’ के खत से सहमे संकट मोचन मंदिर के महंत, अक्षरधाम मंदिर के बारे की गई थी विवादित टिप्पणी
वाराणसी। काशी के संकटमोचन मंदिर से हर कोई वाकिफ हैं। मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्रा नए विवादों में घिर गए हैं। महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ के हवाले से देश के धार्मिक संस्थाओं को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में अक्षरधाम मंदिर के खिलाफ विवादित टिप्पणी की गई है। प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्रा ने इस पत्र को साजिश बताते हुए लंका थाने में लिखित तहरीर दी है।
‘साजिश’ के पत्र से परेशान हुआ महंत परिवार
साजिश के इस खत से महंत परिवार परेशान है। महंत विश्वम्भरनाथ मिश्रा ने इस घटना के बाबत एसएसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों से भी बात की। उनके मुताबिक पिछले कुछ दिनों से कुछ लौटानी पत्र मिल रहे थे। ये पत्र संकट मोचन मंदिर के नाम से देश के धार्मिक संस्थानों को भेजा जा गया था। इसमें अक्षरधाम मंदिर के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं। सभी पत्रों पर प्रेषक में महंत संकट मोचन मंदिर का नाम दर्ज है।
एक हफ्ते में मिले आठ सौ पत्र
मंदिर से जुटे पदाधिकारियों के अनुसार सनातनी परंपरा को तोड़ने और सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने के लिए कुछ लोगों ने ऐसी साजिश रची है। ऐसे लोगों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। दरअसल पत्र संकट मोचन मंदिर के महंत के पते से देश के विभिन्न धार्मिक संस्थानों व मंदिरों को भेजा गया है। उक्त पत्र के प्राप्तकर्ता अब इस पत्र को महंत प्रो विश्वम्भरनाथ मिश्र के तुलसीघाट स्थित महंत के आवास व संकट मोचन मंदिर के पते पर वापस भेज दे रहे हैं। आलम ये है कि पिछले एक हफ्ते में अभी तक आठ सौ पत्र महंत विश्वम्भरनाथ मिश्रा को मिल चुके हैं।
संकट मोचन मंदिर में हो चुका है धमाका
संकट मोचन मंदिर पहले भी सुर्खियों में रहा है। सात मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर में आतंकी घटना को अंजाम दिया गया था। मंदिर परिसर में हुए बम धमाके में सात लोगों की जान चली गई थी, जबकि दर्जनों श्रद्धालु घायल हुए थे। घटना के बाद मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। यही नहीं 5 दिसंबर साल 2018 को मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्रा को पत्र लिखकर मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इस पत्र में लिखा गया था कि साल 2006 से भी बड़ा धमाका किया जाएगा। अब लगभग दो साल बाद इस ‘लेटर बम’ से संकट मोचन मंदिर का महंत परिवार दहल उठा है।
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