बनारस की सड़कों पर बीएचयू वीसी के खिलाफ क्यों लगे पोस्टर ? 2 मिनट में जानिए पूरी कहानी
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति राकेश भटनागर के खिलाफ छात्रों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वीसी पर हिंदी विरोधी होने का आरोप लगाने वाले छात्र अब पोस्टरबाजी पर उतर आए हैं। गुरुवार की रात बनारस की सड़कों पर बीएचयू वीसी के खिलाफ पोस्टर लगाए गए। इस पोस्टर में वीसी को हिंदी विरोधी बताया गया है।
हिंदी में इंटरव्यू ना लेने का आरोप-
पोस्टर लगाने वाले छात्रों का आरोप है कि बीएचयू के वीसी हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव करते हैं। पिछले दिनों चल रहे असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चल रहे इंटरव्यू में छात्रों से कहा गया कि अगर वो इंग्लिश में इंटरव्यू में दे सकें तो ठीक है वरना वापस लौट जाए। इसके बाद से ही कैम्पस का माहौल गर्म था। छात्रों ने वीसी के खिलाफ धरना भी दिया। यही नहीं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा।
#Varanasi : बनारस की सड़कों पर #BHU वीसी के खिलाफ लगे पोस्टर, पोस्टर में वीसी को बताया हिंदी विरोधी pic.twitter.com/yfRbgAS5vD
— Journalist Cafe (@journalist_cafe) January 17, 2020
कैंपस का विवाद सड़कों पर
बीएचयू कैंपस के विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। गुरुवार की देर रात एक दो नहीं बल्कि दर्जनों पोस्टर बीएचयू सिंह द्वार के सामने लंका चौराहे से भगवानपुर, मंडुवाडीह, सामनेघाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, रविंद्रपुरी आदि इलाकों में पोस्टर चस्पा कराए गए। इसमें कुलपति को हिंदी विरोधी बताते हुए इस्तीफे की मांग की गई। पोस्टर के चित्र में एक हाथ में कुलपति को इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट को पकडे़ दिखाया गया है तो दूसरे में इंग्लिश वनली लिखा गया है। पोस्टर में कुलपति के पैर के नीचे हिंदी भाषी अभ्यर्थी का चित्र बनाया गया है। पोस्टर चस्पा कर सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की गई।
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