वाराणसी: उत्तर भारत की सबसे बड़ी ‘अक्षय पात्र रसोई’ का पीएम मोदी ने किया शुभारंभ, काशी के 148 स्कूलों के बच्चों में वितरित होगा भोजन
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हैं. यहां उन्होंने काशी वासियों को 1700 करोड़ से ज्यादा की सौगात दी है. इन सौगातों में सबसे बड़ी योजना ‘अक्षय पात्र रसोई’ है. वाराणसी आगमन के दौरान पीएम मोदी ने सबसे पहले उत्तर भारत की सबसे बड़ी रसोई अक्षय पात्र रसोई का शुभारंभ किया. इस रसोई में सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार बनेगा. यहां बना भोजन वाराणसी के 148 स्कूलों के बच्चों में वितरित होगा.
Varanasi, Uttar Pradesh | Prime Minister Narendra Modi inaugurates Akshaya Patra Mid-Day Meal Kitchen which will have a cooking capacity of 1 lakh students pic.twitter.com/dZHEsHJor5
— ANI (@ANI) July 7, 2022
अक्षय पात्र एक स्वयंसेवी संस्था है जो उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध करा रही है. वाराणसी में इसके 62वें केंद्र का शुभारंभ हुआ है.
वाराणसी के अर्दली बाजार में स्थित एलटी कॉलेज में इस रसोई को बनाया गया है. यहां से बना पौष्टिक आहार प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत दिया जाएगा. तीन एकड़ में फैली इस रसोई में एक घंटे में एक लाख रोटी तैयार होगी. इसके साथ ही दो घंटे में 1100 लीटर दाल, 40 मिनट में 135 किलो चावल और दो घंटे में 1100 लीटर सब्जी तैयार की जाएगी.
इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने के लिए पूरा ऑटोमेटिक किचन का निर्माण किया गया है और खास तौर पर मशीनें बनायी गयी हैं. इसमें आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने तक की मशीन शामिल है. दाल और सब्जी बनाने के लिए भी उन्नत मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है.
Prime Minister Narendra Modi along with CM Yogi Aditynath, inspects the newly inaugurated Akshaya Patra Mid-Day Meal Kitchen in Varanasi, UP pic.twitter.com/7pBMFKDP3c
— ANI (@ANI) July 7, 2022
इस किचन में पूरे चौबीस घंटे में तीन सौ लोग काम करेंगे. पूरे किचन में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की व्यवस्था की गई है. यदि बात चावल की करें तो पहले इसे सामान्य पानी से उसके बाद गुनगुने पानी से और फिर तीसरी बार सामान्य पानी से इसे साफ किया जाएगा. कुछ ऐसी ही सफाई सब्ज़ी और दालों के लिए भी की गई है. रसोई की एक खासियत यह भी है कि यहां गैस के साथ ही सौर्य उर्जा का प्रयोग खाना बनाने में होगा.
इस रसोई में एक लाख बच्चों का खाना तैयार होगा और हाइजिन का पूरा ख्याल रखा जाएगा.