Varanasi: रामलला की स्वर्ण चरणपादुका संग महंत पुरी अयोध्या हुए रवाना

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अयोध्या के श्रीराम मंदिर में प्रतिष्ठित करने के लिए काशी में तैयार की गई भगवान श्रीराम की स्वर्ण चरण पादुका के साथ शनिवार को अन्नपूर्णा मंदिर के महंत गोस्वामी शंकर पुरी अयोध्या के लिये रवाना हो गये. उन्होंने दोनों हाथों में स्वर्ण चरण पादुका उठाई और मां अन्नपूर्णा के गर्भगृह की पांच बार परिक्रमा की. गर्भगृह में लाल रंग की चुनरी पर स्वर्ण चरण पादुका को रख कर मां अन्नपूर्णा से अयोध्या प्रस्थान करने की आज्ञा मांगी. पांच वैदिक ब्राह्मणों ने स्वर्ण चरण पादुका का पूजन विधि-विधान से पूजन कराया. इसके बाद पादुका को हाथों में लेकर महंत शंकर पुरी मंदिर से बाहर निकले. द्वार पर प्रतीक्षा मंर खड़े भक्तों ने जय श्रीराम के घोष के साथ उनका स्वागत किया. हाथों में केसरिया पताका लिए खड़े भक्तों में शीशे के शोकेस में रखी स्वर्ण चरण पादुका के दर्शन व आर्शीवाद के लिए होड़ मच गयी.

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गोदौलिया तक की निकली यात्रा

महंत शंकरपुरी ने इसके बाद ढुंढिराज गली स्थित गणेश भगवान का दर्शन किया. जैसे-जैसे महंत शंकरपुरी महाराज अन्नपूर्णा मंदिर से कोतवालपुरा की ओर बढ़ते जा रहे थे वैसे-वैसे कतारबद्ध खड़े भक्त पादुका को स्पर्श कर उत्साह से भर उठते. उन्हें लगता मानों उन्हें प्रभु राम के आर्शीवाद मिल गया हो. यह सभी भक्त प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने अयोध्या तो नहीं जा सकेंगे लेकिन उन्होंने श्रीराम की चरण पादुका को प्रणाम करने का सुख काशी में ही प्राप्त कर लिया.
पादुका लेकर महंत शंकर पुरी महाराज सैकड़ों भक्तों की भीड़ के साथ बांसफाटक, हौजकटोरा होते हुए गोदौलिया तक पहुंचे. इस दौरान समूचा मार्ग जय श्रीराम के घोष से गुंजायमान होता रहा. मंदिर परिवार के सदस्य, महानिर्वाणी अखाड़े के साधु-संत और स्थानीय लोग विश्वनाथ गली से गोदौलिया तक की इस संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण यात्रा के साक्षी बने. गोदौलिया पहुंच कर महंत शंकर पुरी अपनी गाड़ी से अयोध्या के लिए रवाना हुए. इस दौरान महादेव और जय श्री राम के नारे से पूरा इलाका गूंज उठा.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से स्थापित होगा रामराज्य

अयोध्या रवाना होने से पूर्व मीडिया से बातचीत में महंत शंकर पुरी महाराज ने कहा कि कई शताब्दियों की प्रतीक्षा पूर्ण हुई है. हम लोग भाग्यशाली हैं कि भगवान श्रीराम का दिव्य प्रासाद न सिर्फ बनते देख रहे हैं अपितु उस प्रासाद में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अति विशिष्ट अनुष्ठान के साक्षी भी बनेंगे.

रामलाला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद निश्चित रूप से रामराज्य स्थापित होगा. यह प्रत्येक सनातनी के लिए गौरवपूर्ण अवसर है. उन्होंने कहा कि मां अन्नपूर्णा के प्रसाद स्वरूप यह चरण पादुका श्रीराम मंदिर तीर्थ न्यास के पदाधिकारियों को सुपुर्द की जाएगी.

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